आजमगढ़: दुष्कर्मी पिता को हुई आजीवन कारावास की सजा

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विद्वान न्यायाधीश ने एक लाख रुपए अर्थदंड भी लगाया
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। सामाजिक रिश्तों को कलंकित करते हुए कलयुगी पिता द्वारा अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार किए जाने के मामले में अदालत ने दोषसिद्ध पाते हुए आरोपी पिता के कृत्य को घृणित मान उसे आजीवन कारावास के साथ ही एक लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
यह फैसला विशेष न्यायाधीश पाक्सो कोर्ट रवीश कुमार अत्री ने गुरुवार को सुनाया।
अभियोजन कहानी के अनुसार विगत 11 अगस्त 2020 को तहबरपुर थाना क्षेत्र की निवासी नाबालिग किशोरी को उसके पिता रिमई यादव उर्फ हरिनाथ पुत्र दीपचंद ने अपनी पुत्री को ननिहाल पहुंचाने की बात कह कर उसे आजमगढ़ शहर के रोडवेज क्षेत्र में ले आया। वह बेटी को लेकर रोडवेज क्षेत्र में स्थित एक लॉज में पहुंचा और कमरा बुक करने के बाद अपनी पुत्री के साथ दो बार दुष्कर्म किया। इस मामले में पुलिस ने जांच पूरी करने कर आरोपी रिमई यादव उर्फ हरिनाथ के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित कर दिया। विशेष लोक अभियोजक अवधेश कुमार मिश्रा ने पीड़िता समेत कुल नौ गवाहों में सात लोगों को न्यायालय में परीक्षित कराया। गवाहों में पीड़िता की मौसी संगीता यादव, नाना विंध्याचल यादव, पुलिस विवेचक देवानंद, डा० रोशन आरा, प्रधानाध्यापिका सीमा यादव व डिप्टी सीएमओ डा० एके चैधरी ने न्यायालय में अपनी गवाही दी। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी पिता को नाबालिग पुत्री के साथ दुराचार का दोषी पाया। विद्वान न्यायाधीश ने आरोपी के इस कृत्य को अत्यंत घृणित, घोर निंदनीय एवं सामाजिक नैतिकता के विरुद्ध मानते हुए किसी भी तरह की रियायत से इनकार कर अभियुक्त को आजीवन कारावास तथा एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। बताते चलें कि पाक्सो कोर्ट द्वारा इस महीने में यह छठवीं सजा सुनाई गई है।

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