मशहूर नेत्र सर्जन नेे गोली मारकर की आत्महत्या

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शराब को लेकर पत्नी से विवाद के बाद डॉक्टर ने उठाया खौफनाक कदम
वाराणसी। वाराणसी के मशहूर डॉक्टर पराग वाजपेयी ने लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। भेलूपुर थाना क्षेत्र के दुर्गाकुण्ड इलाके में स्थित कैवल्यधाम कॉलोनी में रहने वाले डॉक्टर पराग वाजपेयी ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मार ली। परिवार के लोग तत्काल उन्हें ट्रामा सेंटर बीएचयू ले गए, जहां मृत घोषित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि शराब पीने को लेकर डॉक्टर की पत्नी ने उन्हें टोका था। इसी को लेकर विवाद बढ़ा और घटना हो गई। 
डॉक्टर पराग वाजपेयी के पिता आरएम वाजयेपी ख्याति प्राप्त नेत्र सर्जन थे। चार माह पहले उनका निधन कोरोना से हो गया। आरएम वाजपेयी मूलतः पक्के महाल के रहने वाले थे। वर्षों पहले कैवल्यधाम में मकान बनवाकर शिफ्ट हो गए थे। डॉक्टर पराग मेडिसिन के अच्छे डॉक्टर रहे। उनकी पत्नी वाणी वाजपेयी गायनिक चिकित्सक हैं। इस कारण घर के नीचे हिस्से में अस्पताल का संचालन करते और ऊपर परिवार के साथ रहते थे। दो बेटे अर्जुन और वरुण हैं। अर्जुन बाहर किसी कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। लॉकडाउन के बाद घर से ऑनलाइन क्लास चल रहा है। छोटा बेटा डीपीएस में 12 वीं का छात्र है।
डॉक्टर के जानने वालों की मानें तो पिछले कुछ माह से तनाव में थे। इसके कारण शाम में शराब पीने लगे थे। इसको लेकर आए दिन पत्नी से विवाद होने लगा था। रविवार को भी रोज के तरह पराग अपने पुराने क्लिनिक गायघाट गए थे। वहां मरीजों को देखने के बाद घर वाले अस्पताल में आये मरीजों को देखा। मरीजों को देखने के बाद मैनेजर से रात 8.30 बजे कार बाहर निकलवाई। कार से कही गए और वापस 10 बजे रात लौटे। घर आने पर पत्नी से नोकझोंक हुई। बताया जा रहा है कि शराब को लेकर पत्नी ने टोका था। इस पर डॉक्टर रिवाल्वर लेकर बाथरूम में गए। दरवाजे को भीतर से बन्द कर दाहिने तरफ कनपटी पर गोली मार ली। 
गोली की आवाज सुनकर पत्नी डॉक्टर वाणी व बेटे अर्जुन और वरुण दौड़े। तत्काल बाथरूम का दरवाजा तोड़कर पराग को लेकर बेटे, पत्नी और अन्य कर्मचारी ट्रामा सेंटर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने मृतक घोषित कर दिया। डॉक्टर की मौत की जानकारी होते ही परिजनों में कोहराम मच गया। ट्रामा सेंटर से बीएचयू तक बड़ी संख्या में रिश्तेदारों व परिचितों की भीड़ लग गई। सूचना पर पहुंची पुलिस घटना में प्रयुक्त रिवाल्वर और शव को लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया। डॉक्टर पराग को सुसाइड करने की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे हर लोग बेहद दुखी थे। उनके अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों, मरीजों, परिचितों और रिश्तेदारों के अनुसार वह बेहद मृदुभाषी थे। पराग हर परिस्थितियों में मुस्कुराते मिलते थे। घर में पैसे रुपये किसी भी चीज की कोई कमी नहीं हैं।

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