आजमगढ़: धर्म और जाति की गणना समाज के लिए घातक-शेली

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गंगा जमुनी तहजीब को तोड़ देश प्रगति नहीं कर सकता
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। देश की आजादी के लिए लड़ने वालों ने कभी लाल और हरे खून की पहचान नहीं की वरना हम आज भी गुलाम रहे होते। खुली हवा में सांस लेने का जो मौका मिला उसमें हिंदू- मुसलमान और अन्य धर्मों के अनुयायियों की पुरजोर मेहनत थी। आज हमें जाति और धर्म के नाम पर बांटकर जो कुत्सित राजनीति का चलन चला जा रहा वह देश नहीं इंसानियत के लिए घातक है। उक्त बातें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हाशिर आफताब शेली ने मंगलवार को अनौपचारिक वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि मुझे आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुद्दों का अभाव नजर आता है। ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव नहीं बल्कि जातीय जनगणना का कार्य चल रहा है। ऐसा इसलिए कि सभी प्रमुख दलों के नेताओं को जब मैं सुनता हूं तो निरंतर जनता के बीच मंच से एक ही बात कहते नजर आ रहे कि सूबे में मेरी जाति का वोट इतना प्रतिशत है और फलां जाति का वोट इतना प्रतिशत। इन दोनों जातियों के वोट मिल जाएं तो सरकार हमारी होगी। मेरा उन नेताओं से यह सवाल है कि बाकी जातियां फिर कहां जाएगी। क्योंकि मैं यह मानता हूं कि लोकतंत्र में सरकार जनता के लिए होती है, किसी विशेष जाति संप्रदाय के लिए नहीं। यह तो जनता का दुर्भाग्य है कि ऐसे नेताओं के बहकावे में आ जाते हैं जो जाति-धर्म के नाम पर हमसे वोट तो ले लेते हैं पर काम कुछ नहीं करते। वो करेंगे भी क्यों क्योंकि हमने उनको वोट रोटी, कपड़ा, मकान, रोजगार,और मंहगाई पर नियंत्रण, भ्रष्टाचार पर लगाम के साथ ही सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा व स्वास्थ जैसे मुद्दों पर तो दिया नहीं। हमने तो अपना वोट इस आधार पर दिया कि फलां प्रत्याशी हमारी जाति और धर्म का है कि नहीं। अंत में श्री शेली ने कहा कि मैं जनता से अपील करता हूं अपना वोट आप ऐसे प्रत्याशियों को दें जो धर्म, जाति एवं बिरादरी की बात न करता हो। जो आपके क्षेत्र के विकास का ब्लूप्रिंट तैयार रखे हो। जनप्रतिनिधि ऐसा हो जो किसी आपदा के समय पर आपके दरवाजे पर नजर आए। आपके सुख -दुख में खड़ा नजर आए और आपकी हर समस्या का समाधान करने की इच्छा शक्ति रखता हो। क्योंकि ऐसा व्यक्ति आपका नेता नहीं हो सकता जो पांच साल में सिर्फ चुनाव के समय आपका कीमती वोट लेने के लिए आपके दरवाजे पर नजर आता है।

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