हटाये गये अजीत सिंह हत्याकांड मामले के विवेचक

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सही ढंग से विवेचना नहीं किये जाने का आरोप, अब इंस्पेक्टर गाजीपुर करेंगे विवेचना

लखनऊ। बहुचर्चित अजीत सिंह हत्याकांड की विवचेना स्थानांतरित कर दी गई है। अब इंस्पेक्टर गाजीपुर इसके विवेचक हैं। इससे पहले इंस्पेक्टर विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह इसकी विवेचना कर रहे थे। माना जा रहा है कि सही ढंग से विवेचना नहीं किए जाने के कारण इसे स्थानांतरित किया गया है। इस मुकदमे में पूर्व सांसद धनंजय सिंह भी आरोपित है। धनंजय पर 25 हजार का इनाम है और वह भगौड़ा घोषित किया जा चुका है। धनंजय पर अजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोप है। हत्याकांड में शामिल शूटर व अन्य आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। हालांकि धनंजय को अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है। धनंजय की ओर से गुरुवार को पुलिस से मामले की रिपोर्ट मांगने की अर्जी कोर्ट में दी थी। धनंजय का नाम हत्याकांड में सामने आने के बाद 20 फरवरी को उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। पुलिस ने 25 हजार का इनाम भी घोषित किया। इसके बाद कुर्की की कार्यवाही से पहले की नोटिस जारी हुई। पांच मार्च, 2021 को धनंजय ने प्रयागराज के एमपीएमएलए की विशेष अदालत में एक दूसरे मामले में आत्मसमर्पण कर दिया था। 31 मार्च को वह जमानत पर रिहा हो गया था। लखनऊ पुलिस आरोपित की तलाश कर रही है। हालांकि अभी तक उसे पकड़ा नहीं जा सका है।
गौरतलब है कि छह जनवरी, 2021 को कठौता चौराहे पर अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अजीत के साथी मोहर सिंह ने एफआइआर दर्ज कराई थी। मोहर ने तब आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह, अखंड सिंह और गिरधारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने प्रकाश में आए संदीप उर्फ बाबा, मुस्तफा उर्फ बंटी, शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर, बंधन सिंह, प्रिंस व रेहान को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। सात अप्रैल को पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी। अब इंस्पेक्टर गाजीपुर शेष आरोपितों के खिलाफ विवेचना करेंगे।

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