तबादलों पर सवाल उठाना डीआईजी को पड़ा महंगा, निलंबित

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश शासन के निर्णय के खिलाफ आवाज उठाना डीआइजी होमगार्ड को भारी पड़ गया है। इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश शासन के गृह विभाग ने डीआइजी होमगार्ड, झांसी (बुंदेलखंड) संजीव कुमार शुक्ला को निलंबित कर दिया है। अपर मुख्य सचिव, होमगार्ड अनिल कुमार ने बताया कि आचरण नियमावली के तहत डीआइजी संजीव कुमार शुक्ला के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है।
उत्तर प्रदेश में जून माह में बड़े पैमाने पर होमगार्ड जिला कमांडेंट के तबादलों को लेकर कई तरह के सवाल उठाए गए थे। आरोप है कि डीआइजी संजीव कुमार शुक्ला त्रिपाठी ने होमगार्ड अधिकारियों के वाट्सएप ग्रुप पर कुछ संदेश चलाए थे। जिनमें विभिन्घ्न अधिकारियों ने उन्हें फोन कर सरकार के निर्णय की आलोचना की थी। माना जा रहा है कि संजीव कुमार शुक्ला ने अनावश्यक रूप से अधिकारियों को भड़काने का प्रयास किया था। तबादले के मामले में डीआइजी ने मीडिया में भी इसे लेकर बयान दिया था। वहीं शासन का स्पष्ट कहना था कि कमांडेंट के सभी तबादले नियमों के अनुरूप किए गए थे। अब इस पूरे प्रकरण में प्रथम दृष्टया डीआइजी आचरण नियमावली के तहत दोषी पाए गए हैं। उत्तर प्रदेश में होमगार्ड विभाग में तबादलों पर सवाल खड़ा करने वाले डीआईजी संजीव कुमार शुक्ला ने विभाग में लंबे समय से एक ही पद पर जमे कमांडेंट व एसएसओ पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद बवाल मचा था। संजीव कुमार शुक्ला करीब डेढ़ वर्ष पहले तक अयोध्या में मंडलीय कमांडेट होमगार्ड के पद पर तैनात था। इसके बाद उनको डीआईजी (होमगार्ड) के पद पर प्रमोट किया गया। प्रमोशन के बाद संजीव कुमार शुक्ला को झांसी में तैनाती मिली थी। तब से वह झांसी में ही हैं।

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