आजमगढ़: वरिष्ठ साहित्यकार डॉ कन्हैया सिंह का मनाया गया जन्मदिन

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-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। जनपद का नाम राष्ट्रीय फलक पर गौरवान्वित करने वाले वरिष्ठ साहित्यकार, डॉ कन्हैया सिंह का 87 वां जन्मदिन उनके राहुल नगर मड़या स्थित आवास पर सादगी के साथ मनाया गया।
अपने शुभकामना संदेश में डी ए वी पी जी कॉलेज के प्रबन्धक आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव श्एडवोकेटश् ने कहा कि सूफी साहित्य और पाठानुसन्धान विधा के महारथी,डॉ सिंह राजनीतिक रूप से भी सक्रिय रहे हैं, आपातकाल में संघर्ष का दौर रहा हो या मात्र 35 वर्ष की अवस्था मे आजमगढ़ नगरपालिका का अध्यक्ष चुना जाना,डॉ सिंह ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है।हिंदी संस्थान और अखिल भारतीय साहित्य परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष पद का निर्वहन रहा हो या साहित्य में पुरस्कारों की लंबी श्रृंखला, राष्ट्रपति पुरस्कार तक से सम्मानित डॉ सिंह विलक्षण प्रतिभा से युक्त व्यक्तित्व और कृतित्व को शब्दों में बांधना दुष्कर है।
डी ए वी पी जी कॉलेज की प्राचार्य डॉ शुचिता श्रीवास्तव ने उनके दीर्घायु होने की कामना करते हुए कहा कि, डॉ सिंह भारत-भारती की महान परम्परा में निहित साहित्यिक विचारधारा के वाहक हैं, महाविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष पद के दायित्व हो या उ0 प्र0 भाषा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष का पद रहा हो अपने नाम के अनुरूप उन्होंने कुशलतापूर्वक उनका निर्वहन किया है।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ विजय कुमार सिंह जो स्वयं जौनपुर जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार और पूर्व प्राचार्य, सल्तनत बहादुर पी जी कॉलेज, बदलापुर,स्व0 डॉ लाल साहब सिंह के पुत्र हैं , ने अपने संदेश में कहा कि, साहित्य-सर्जना के क्षेत्र में वीणावादिनी के ऐसे उपासक का अभिनन्दन करना उनका सान्निध्य पाना मेरे लिए गौरव का क्षण होता है, राष्ट्रीय और सामाजिक चिंतन की धारा को साहित्य से संयोजित कर साहित्य के माध्यम से राष्ट्र-सेवा का उन्होंने अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। डॉ सिंह के पौत्र, इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में सहायक आचार्य और युवा कवि डॉ विनम्रसेन सिंह ने कहा कि बाल्यकाल से बाबा के साहित्य साधना का परिवेश मेरे लिए सरस्वती की अहेतुक अनुकम्पा के समान रहा है, मैं उनके दीर्घायु होने की कामना करता हूँ ताकि वीणावादिनी का आशीष उनके माध्यम से मेरे ऊपर सदा बना रहे।
डॉ सिंह के भतीजे डॉ पंकज सिंह,सहायक आचार्य,राजनीति शास्त्र विभाग, ने कहा कि बाबूजी के अनन्त साहित्य साधना का क्रम उम्र के इस पड़ाव में भी उसी ऊर्जा साथ जारी है,उनकी कलम यूँ चलती रहे और राष्ट्र सेवा की धूनी यूँ ही चलती रहे परमपिता से यही कामना है। इस अवसर पर डॉ सिंह के पुत्र डॉ चित्रसेन सिंह,बहु डॉ अरुणिमा सिंह,बड़े पौत्र विनीत सिंह, रोशनी सिंह,निवेदिता सिंह ने उनके स्वास्थ्य और दीर्घायु होने की कामना के साथ हवन और पूजन भी किया।

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