सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन पर उलमा ने जताई नाराजगी

Youth India Times
By -
0

शांति बैठकों का बहिष्कार करने की दी चेतावनी
सरकार द्वारा मुहर्रम पर किसी प्रकार के जुलूस ताजिया पर लगाई गई है रोक
लखनऊ। 10 अगस्त से शुरू हो रहे मोहर्रम को लेकर डीजीपी मुकुल गोयल ने विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। डीजीपी ने कहा है कि कोरोना महामारी संक्रमण को लेकर गृह मंत्रालय भारत सरकार और न्यायालय के आदेशों को देखते हुए किसी प्रकार के जुलूस ताजिया की अनुमति न दी जाए। उन्होंने कहा है कि धर्म गुरूओं से संवाद स्थापित कर कोविड के दिशा निर्देशों का अनुपालन कराया जाय।
मोहर्रम को लेकर डीजीपी कार्यालय से जारी की गई गाइडलाइन की भाषा पर शिया उलमा ने सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने इस पत्र को वापस लेकर ड्राफ्ट तैयार करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। उलमा ने पत्र वापस न लेने पर पुलिस की ओर से बुलाई जाने वाली अमन बैठकों का बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी।
दरअसल डीजीपी कार्यालय से मोहर्रम को लेकर जारी दिशा निर्देश में शिया समुदाय की ओर से तबर्रा पढ़ने की बात कही गई। इसमें कहा गया कि कुछ असामाजिक तत्व जानवरों की पीठ पर और पतंगों पर ऐसी बातें लिखकर उड़ाते हैं जिन पर सुन्नी समुदाय को ऐतराज होता है। इसको लेकर अमन बिगड़ने की आशंका जताई गई।
इसको लेकर शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने सख्त नाराजगी जताते हुये कहा कि गाइडलाइन में बीते 40 साल पुरानी बातों को खोद कर शिया समुदाय पर गलत इल्जाम लगाए गए हैं। इसके जरिये शिया समुदाय के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। मौलाना ने डीजीपी से इस पत्र को वापस लेने और संबन्धित लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की। उन्होंने इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर प्रदेश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने पत्र वापस न लेने पर तमाम उलमा और संगठनों से जिला और शहर स्तर पर होने वाले अमन बैठकों का बहिष्कार करने की अपील की।
वहीं स्व. मौलाना कल्बे सादिक के बेटे मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी ने कहा कि पुलिस प्रशासन की गाइडलाइन से शिया समुदाय के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि मोहर्रम व शिया समुदाय पर सीधे तौर पर बेबुनियाद इल्जाम लगाए गये हैं। उन्होंने गाइडलाइन के ड्राफ्ट को बदलने की मांग की। उन्होंने सरकार जांच करे कि इस तरह का ड्राफ्ट किसने तैयार किया है।
इमामे जुमा मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि मोहर्रम की रूह को समझे बगैर डीजीपी ने बयान जारी किया है। मौलाना ने कहा कि मोहर्रम गम का त्योहार है उसमें किसी तरह का हुड़दंग नहीं होता। उन्होंने कहा कि डीजीपी को बताना चाहिए कि तबर्रा कौन पढ़ता है। डीजीपी के बयान से प्रदेश में शिया और सुन्नी के बीच विवाद पैदा हुआ है। अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी डीजीपी पर होगी। अभी तक शिया और सुन्नी के बीच विवाद पुलिस के एजेंट पैदा करते आ रहे है। पहले जब दीवारों पर तबर्रा लिखा जाता था तो इसके पीछे उन्ही एजेंट का हाथ होता था। मौलाना जवाद ने कहा की ये बयान डीजीपी का नही बल्कि अबुबक्र बग़दादी का प्रतीत हो रहा है। उन्होंने मुहर्रम सर्कुलर के विरोध मे पूरे प्रदेश की मुहर्रम कमेटियों को पुलिस की किसी भी मीटिंग मे शामिल ना होने का अनुरोध किया। मौलाना ने कहा कि डीजीपी बयान वापस लें तभी कोई बात संभव है।
उधर, डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि मोहर्रम को लेकर सर्कुलर पिछली बार की तरह इस बार भी जारी किया गया है। जो पत्र वायरल हो रहा है उसके बारे में एडीजी कानून व्यवस्था से पता करने के लिए कहा गया है उसकी क्या सच्चाई है।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)