सस्पेंड होते ही डीडीओ ने नौ कर्मचारियों को किया सस्पेंड

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मैनपुरी। 13 जून को अनुशासनहीनता और लापरवाही के आरोप में सस्पेंड हुए जिला विकास अधिकारी ने विकास भवन के नौ कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। इन नौ कर्मचारियों में जिले के दो ग्राम विकास अधिकारी भी शामिल हैं। जिला विकास अधिकारी ने सस्पेंड ऑर्डर डाक के जरिए भिजवाए लेकिन इन ऑर्डरों को विकास भवन में नहीं लिया गया और उन्हें वापस लौटा दिया गया। बुधवार को इस मामले की जानकारी हुई तो विकास भवन में हड़कंप मच गया। कोई भी अधिकारी व कर्मचारी इस मामले पर कुछ भी कहने के लिए तैयार नहीं है।
13 जून को शासन ने मैनपुरी के जिला विकास अधिकारी प्रवीन कुमार राय को सस्पेंड कर दिया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने कार्यकाल में उच्चाधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना की, उनके साथ वाद-विवाद किया। विभागीय कार्यों में लापरवाही की गई और कोरोना काल में मृत कर्मचारियों के आश्रितों को मिलने वाली मदद में भी लापरवाही की गई। जिला विकास अधिकारी सस्पेंड हुए तो चर्चाएं शुरू हा गईं। लेकिन बुधवार को जिला विकास अधिकारी की ओर से विकास भवन के नौ कर्मचारियों को सस्पेंड किए जाने के पत्र विकास भवन को डाक के जरिए भेजे गए लेकिन इन सस्पेंड कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई की जानकारी मिली तो इन ऑर्डरों को विकास भवन में नहीं लिया गया और उन्हें वापस लौटा दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक नौ में से सात सीडीओ कार्यालय के कर्मचारी सस्पेंड हुए हैं। दो ग्राम विकास अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। प्रभारी डीडीओ केके सिंह का कहना है कि कर्मचारियों पर कार्रवाई की चर्चा तो है लेकिन उनके पास कोई अधिकृत जानकारी नहीं है। डीपीआरओ स्वामीदीन ने भी इस मामले में अपना बचाव किया और कहा कि प्रकरण का पता तो चला है लेकिन इस पर क्या कार्रवाई हुई इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। हालांकि अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि निलंबित डीडीओ ने 12 जून का आदेश बनाकर यह कार्रवाई की। 13 को वह खुद सस्पेंड हो गए। कर्मचारियों को डाक के जरिए निलंबन का पत्र भेजना बदले की कार्रवाई माना जा रहा है। इस मामले में सीडीओ से भी बात करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो सकी।

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