आजमगढ़ में विश्वविद्यालय के लिए रास्ता साफ

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आजमबांध में ही बनेगा विश्वविद्यालय, शासन ने दी स्वीकृति

आजमगढ़। जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर जहानागंज के पास आजम बांध में अब आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय बनेगा। जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर चंडेश्वर कम्हरिया मार्ग पर आजमबांध भोजपुर में लगभग 50 एकड़ जमीन पर विश्वविद्यालय स्थापना की स्वीकृति दे दी गई है। शासन से स्वीकृति मिलते ही विश्वविद्यालय निर्माण की कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग सर्वे में जुट गया। पीडब्लूडी सर्वे के बाद एस्टीमेट का प्रस्ताव शासन को भेजेगा।
आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय से आजमगढ़ व पड़ोसी जनपद मऊ से 395 कालेज संबद्ध् रहेंगे। मंगलवार से ही अब इन दोनों ही जिलों के कालेजों का नाता वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से टूट जाएगा। मऊ के 150 कालेज व आजमगढ़ के 245 कालेज अब सीधे तौर पर राज्य विश्वविदयालय के कार्यक्षेत्र में आ जाएगा।
राज्यविश्वविद्यालय 15 जून से अस्तित्व में आ जाएगा। इसके लिए कुलसचिव व वित्त अधिकारी की तैनाती पहले ही की जा चुकी है। क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी ज्ञान प्रकाश वर्मा ने बताया कि वीर बहादुर सिंह विश्वविद्यालय के कुलसचिव महेंद्र कुमार को आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय का चार्ज दिया गया है। जबकि महात्मागांधी काशी विद्यापीठ के वित्त अधिकारी राधेश्याम को यहां का भी कार्यभार देखने का निर्देश शासन की ओर से है। अब इंतजार सिर्फ कुलपति का है। जिस दिन कुलपति के नाम की घोषणा हो जाएगी उस दिन से पूर्ण रूप से विश्वविद्यालय काम करने लगेगा। इसके बाद ही कमेटियां बनाकर विश्वविद्यालय का कामकाज शुरू हो जाएगा। हालाकि डीएवी में इसके लिए अस्थायी कार्यालय बनाया जा चुका है।
जिला प्रशासन ने आजमगढ राज्य विश्वविद्यालय के लिए जहानागंज के पास आजमबांध ग्राम सभा में पचास एकड़ जमीन की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा था। शासन की ओर से इस जमीन की स्वीकृति दे दी गई है। अब इसकी कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग सर्वे करके एस्टीमेट शासन को भेजेगी। राजेश कुमार जिलाधिकारी

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