चुनाव से वाकओवर करने का लिया निर्णय उन्नाव। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सपा प्रत्याशी मालती रावत को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। मंगलवार को भाजपा कार्यालय में मौजूद रहने को इस कार्रवाई की मुख्य वजह माना जा रहा है। अब स्थिति यह है कि सबसे अधिक संख्या बल होने के बाद भी समाजवादी पार्टी को चुनाव से वाकओवर करना पड़ा। पार्टी ने प्रत्याशी मालती रावत को संगठन विरोधी गतिविधियों में लिप्त मानते हुए पार्टी के सभी पदों व प्रत्याशिता से मुक्त कर दिया है। साथ ही चुनाव का भी बहिष्कार करने की घोषणा करते हुए सदस्यों को स्वविवेक से निर्णय लेने के लिए मुक्त कर दिया है। दूसरी तरफ भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में आईं शकुन सिंह और टिकट कटने के बाद भी चुनाव में डटे अरुण सिंह जोड़तोड़ कर अपनी सीट निकालने की होड़ में लग गए हैं। मंगलवार को नामवापसी से पहले पूर्व सपा उम्मीदवार मालती रावत के भाजपा प्रदेश कार्यालय में काफी समय तक रहने के बाद चुनावी समीकरण ही बदल गए। पहले तो सपा नेताओं ने इस बात से इन्कार किया, लेकिन आखिर में खुद मालती ने इस बात को स्वीकार करके सपा की रणनीति पर ही पानी फेर दिया। मालती की स्वीकारोक्ति के बाद सपा नेतृत्व ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके साथ ही जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र यादव ने बताया है कि पार्टी चुनाव का बहिष्कार करेगी। बता दें कि बुधवार को सपा जिला कार्यालय में बैठक हुई और फिर उसके बाद शाम चार बजे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जिलाध्यक्ष, एमएलसी समेत अन्य नेताओं को लखनऊ तलब कर लिया। अब माना जा रहा है कि मालती रावत को अब अपने लिए नये सिरे से मेहनत करनी पड़ सकती है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद प्रत्याशी मालती रावत ने कहा कि मेरे विरुद्ध पार्टी की तरफ से जो कार्रवाई की गई है उसकी जानकारी मिली है। मैं चुनाव पूरी सक्रियता से साथ लड़ूंगी। अब मेरा पार्टी से कोई लेना -देना नहीं है। मैं निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अभी भी चुनाव लड़ रही हूं।