आजमगढ़: 2005 के पूर्व नियुक्त बेसिक शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को मिलेगी पेंशन

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माननीय उच्च न्यायालय ने हजारों शिक्षकों, कर्मचारियों को दिया नया जीवनदान-तपेश्वरी पांडेय
आजमगढ़, 16 जून। वर्ष 2006 में अनुदानित जूनियर हाई स्कूलों के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी जो पुरानी पेंशन से वंचित थे उन्हें पेंशन मिलने का रास्ता मा. उच्च न्यायालय ने साफ कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के प्रांतीय संरक्षक तपेश्वरी पांडेय एवं आजमगढ़ जिलाध्यक्ष रामदुलार चौहान ने बताया कि 2006 में अनुदानित विद्यालयों के हजारों शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को जो 2005 के पूर्व से नियुक्त थे उन्हें शासनादेश दिनांक 08.04 2009 के द्वारा पेंशन से वंचित कर दिया गया था, जिस पर संगठन ने 2009 में ही उक्त आदेश को माननीय हाईकोर्ट लखनऊ बेंच की एकल पीठ में रिट याचिका सं. 3458/2009 द्वारा चुनौती दी, किंतु एकल पीठ के निर्णय से संगठन को कोई राहत नहीं मिली। पुनः मामला खंडपीठ में गया वहां भी फैसला संगठन के विरोध में ही गया जिस पर संगठन ने शिक्षक सेवा नियमावली 1978 के नियम 19 का हवाला देते हुए उक्त निर्णय के रिव्यू की प्रार्थना की जिस पर खंडपीठ ने विचार करते हुए शिक्षकों की मूल रिट याचिका पर पुनरू सुनवाई करने का आदेश पारित कर दिया, जिस पर एकल पीठ द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 10 मार्च 2021 को निर्णय सुरक्षित कर लिया गया। बुधवार 16 जून को माननीय न्यायालय ने उक्त मामले में निर्णय सुनाते हुए आदेश दिया है कि 2005 से पूर्व नियुक्त किये गये शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को पेंशन दी जाए वह इसके हकदार हैं। माननीय न्यायालय के इस फैसले से हजारों शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों में हर्ष की लहर दौड़ गई है।

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