आजमगढ़: गोधौरा गांव में दूसरे दिन छाया रहा खौफ का मंजर

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ग्रामीणों ने कहा- न्याय के लिए पूरी घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाए
महिलाओं और बच्चों तक को भी पुलिस ने पीटा, गिड़गिड़ाते रहे ग्रामीण
पुलिस ने जो कुछ भी किया वह निदनीय और लोकतंत्र का गला घोंटने की तरह-प्रवीण
आजमगढ़। जिला पंचायत क्षेत्र धरवारा के लिए पड़े मतों की गणना के बाद रिकाउंटिग को लेकर मंगलवार को हुए बवाल के दूसरे दिन गोधौरा गांव में हर कोई खौफजदा दिखा। गांव में सन्नाटा था और घर के पुरुष पुलिसिया कार्रवाई के डर से फरार थे। गोधौरा गांव में मंगलवार को पुलिस की बर्बरता की कहानी बताते हुए ग्रामीणों की आंखों में आंसू छलक उठे। ज्यादती तो जनता के साथ पुलिस ने की है, लेकिन पीड़ितों की नजर में गुनहगार सरकार ही समझ आ रही है। ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस ऐसे ही डंडे से सिस्टम को सुधारती रही तो खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। ढोलन राम 70 वर्ष का पैर पहले से ही फ्रैक्चर है। वह मंगलवार को दवा लेने शहर गए थे जब आए तो घर का मंजर देखकर स्तब्ध रह गए। उन्होंने बताया कि पुलिस ने बर्बरता पूर्वक दरवाजा, करकट और चारपाई भी तोड़ डाला। गांव के चंद्रिका प्रसाद ने बताया कि जब पुलिस करकट और दरवाजा तोड़ने लगी तो मैं खेत की तरफ भाग निकला। उसके बाद मेरी पत्नी रूणा देवी, बेटी प्रीति, पौत्री नैंसी को पुलिस ने बुरी तरह से पीटा और पकड़कर थाने ले गई। लुटावन राम ने बताया गांव में मुर्गा-मुर्गी और बकरी-बकरा को भी पुलिस अपने साथ उठा ले गई। दरवाजे पर बंधे गाय, भैंस को खूंटे से खोल दिया। सावित्री देवी ने बताया कि पति अत्यंत गंभीर रूप से बीमार हैं। मैं गिड़गिड़ाती रही लेकिन उसके बाद भी पति को पीटा। घर के पंखे और बिजली के बोर्ड को तोड़ डाला। रिकी ने बताया कि उसकी शादी परशुरामपुर सरैया में हुई है। पिता रामप्रकाश होमगार्ड हैं और शुगर बढ़ने के कारण चारपाई से उठने में असमर्थ हैं। उनकी बीमारी को सुनकर मैं उन्हें देखने आई थी, लेकिन पुलिस ने मेरी भी नहीं सुनी। मुझे भी मारा तथा घर का सारा राशन, पंखा, चारपाई, कुर्सियां तोड़कर बाहर फेंक दिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हम लोग हाथ जोड़कर विनती करते रहे, लेकिन पुलिस मनमानी करने से बाज नहीं आई। पूरे गांव को घेरकर महिलाओं और पुरुषों को बर्बरता पूर्वक पिटाई की। कुछ लोगों ने भागकर जान बचाई। जानवर भूखे प्यासे हैं। ग्रामीणों ने न्याय की मांग करते हुए पूरी घटना की निष्पक्ष जांच कराकर कार्रवाई करने की मांग की है। लोकतंत्र का गला घोंट रही सरकार कांग्रेस जिला जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह गांव में पहुंचे तो ग्रामीणों से मिलकर उनका दर्द जानने की कोशिश की। उसके बाद मीडिया को बताया कि पुलिस ने जो कुछ भी किया वह निदनीय और लोकतंत्र का गला घोंटने की तरह है। इस सरकार में किसी को अपनी बात कहने की भी इजाजत नहीं है। कांग्रेस जनता की आवाज को दबने नहीं देगी।

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