आज़मगढ़ : मीडिया से मनचाही पत्रकारिता चाहते हैं शासन-प्रशासन के लोग-विजय यादव

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हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर दैनिक देवव्रत कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों ने व्यक्त किए विचार

आजमगढ़ 30 मई। पंडित जुगल किशोर जी ने जिस समय हिंदी का पहला समाचार पत्र निकाला था उस समय देश पर अंग्रेजों की सत्ता थी और उनका उद्देश्य देश को गुलामी से आजादी दिलाना था लेकिन आज पत्रकारिता के पूरे मायने ही बदल गये हैं। आज अपनी सत्ता है पत्रकारों की जिम्मेदारी उन्हें अन्याय, शोषण के प्रति जागरूक करने के साथ देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की है।
रविवार को हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर दैनिक देवव्रत कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विजय कुमार देवव्रत ने कहाकि तब पत्रकारिता के सामने एक मिशन था कि देश को अंग्रेजों से मुक्त कराना है किन्तु आज उनके सामने अनेकों समस्यायें मुंह बाये खड़ी हैं एक तरफ शासन सत्ता के लोग हैं जो अपना मनचाहा करवाना चाहते हैं तो दूसरी तरफ अपराधी और माफिया हैं जो अपने हिसाब से हैंडिल करना चाहते हैं इन दोनों के बीच संतुलन बनाते हुए पत्रकारों को जनता के पक्ष में खड़ा होना होता है। इसका ताजा उदाहरण कोरोना महामारी काल है जब चारो तरफ आक्सीजन, बेड और दवा के लिए हाहाकार मचा था तब यही पत्रकार अपनी कलम से सत्य उजागर करने में लगे थे जिसके कारण सत्ता समर्थकों ने ऊंगली उठाना शुरू कर दिया, लेकिन लेखनी का ही जोर था जो सत्ता को सच्चाई स्वीकार करते हुए व्यवस्थाओं को ठीक करने की कवायद करनी पड़ी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार मनोज जायसवाल ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज पत्रकारों के सामने ज्यादा चुनौतियां हैं। कार्यक्रम का संचालन संदीप उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर विवेक गुप्ता, उदयराज शर्मा, अश्वनी यादव, पितेश्वर कुमार शिबू, प्रशांत राय, हेमेन्द्र सिंह, राजेश यादव, ज्ञानेन्द्र, शैलेन्द्र शर्मा आदि लोगों ने भाग लिया।

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