जानिए कौन है अंशुल दीक्षित उर्फ अंशू

Youth India Times
By -
0

जिसने मुकीम काला और मेराज को गोलियों से भूना
चित्रकूट। चित्रकूट जेल में गोली मारकर कैदी की हत्या करने के आरोपी अंशु दीक्षित को 2014 में गोरखपुर एसटीएफ ने दबोचा था। तब उसे सीएमओ विनोद आर्या के बहुचर्चित हत्याकांड का आरोपी शूटर अंशु दीक्षित को गोरखनाथ थाना क्षेत्र के 10 नंबर बोरिंग से मुठभेड़ के बाद उसे अरेस्ट किया था। उसके खिलाफ लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र नेता विनोद त्रिपाठी की भी हत्या का आरोप है। बदमाश पर जीआरपी सीतापुर ने 5 हजार जबकि भोपाल मध्य प्रदेश की पुलिस ने 10 हजार का इनाम घोषित किया था।
तब एसटीएफ ने बदमाश के कब्जे से एक पिस्टल, एक तमंचा, कारतूस और फर्जी आईडी प्रूफ बरामद किया था। एसटीएफ की पूछताछ में अंशू ने स्वीकार किया कि वह सीतापुर के एमएलसी भरत त्रिपाठी और उनके बेटे परीक्षित त्रिपाठी की हत्या के लिए साथियों की तलाश करने के लिए गोरखपुर आया था। अंशू द्वारा की गई फायरिंग में सीओ एसटीएफ विकास चंद्र त्रिपाठी, कांस्टेबल अनूप कुमार, एसआई सत्य प्रकाश सिंह और हेड कांस्टेबल भानू प्रताप सिंह बाल-बाल बचे थे।
पुलिस टीम ने तलाशी के दौरान एक पिस्टल, चार खोखा, दो कारतूस, एक तमंचा, एक खोखा और तीन कारतूस बरामद किया था। पुलिस को बदमाश ने अपना नाम अंशू उर्फ सुमित दीक्षित पुत्र जगदीश प्रसाद दीक्षित, कुड़राबनी थाना मानपुर जिला सीतापुर बताया था। अंशू के पास लिवाइस का पर्स मिला था। जिसमें स्टेट बैंक का वीसा कार्ड था, जिस पर पूजा अंकित था और उसका नंबर 4591510105489830 अंकित था। एक ग्रीन कार्ड मिला था, जिस पर आदित्य मिश्रा पुत्र जगदीश मिश्रा मकान संख्या 24 रामनाथ देवरिया अंकित है। एक आधार कार्ड जिस पर आदित्य मिश्रा निवासी 299/2 ए साकेत नगर टुजुर भोपाल, मध्य प्रदेश लिखा है। इसके अतिरिक्त पिपराइच के उनवल दोयम गांव के पते पर आदित्य मिश्रा पुत्र जगदीश मिश्रा के नाम पर वोटर कार्ड मिला है। सभी पर अंशु दीक्षित की ही फोटो लगी थी।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)