उप्र में पहली बार मिला डबल म्यूटेंट कोरोना

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BHU ने जीनोम सिक्वेंसिंग के बाद बताया भविष्‍य के लिए खतरा

तीसरी लहर के आने में भी निभा सकता काफी अहम भूमिका

वाराणसी। यूपी में पहली बार कोरोना मरीजों में डबल म्यूटेशन पाया गया है। इस व्यक्ति में बी.1.617.2 वैरिएंट पाया गया है। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैरिएंट ऑफ कंसर्न कहा है। सोनभद्र के 35 वर्षीय व्यक्ति का सैंपल 12 मई को लिया गया था। यह रिपोर्ट आईएमएस-बीएचयू के एमआरयू (मल्टी डिस्नेरी रिसर्च यूनिट) लैब से प्रोफेसर रॉयना सिंह ने 22 मई को एक अमेरिकन वेबसाइट जीसैड पर सबमिट किया था।

एमआरयू लैब की नोडल आफिसर प्रो. रॉयना सिंह ने बताया कि दस सैंपल में से दो व्यक्तियों में डबल म्यूटेशन मिला है। दोनों व्यक्ति अभी बिल्कुल स्वस्थ हैं। जबकि बीमारी के दौरान 35 वर्षीय व्यक्ति की हालत काफी खराब थी। उसका सीटी स्कोर भी चिंताजनक 18-19 के बीच दर्ज किया गया था। 

उन्होंने बताया कि सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग पिछले दिनों एमआरयू लैब में ही की गई है। वहीं अब बनारस सहित चंदौली, जौनपुर और गाजीपुर के भी सैंपलों की जीनोम सिक्वेंसिंग की जाएगी। इससे यहां के वैरिएंट्स के बारे में पता चल सकेगा। उन्होंने बताया कि अब यह पता लगाया जा रहा है कि इस वैरिएंट के शिकार लोग क्या किसी दूसरे राज्य से प्रवास करके आए थे।

एमआरयू लैब के चेयरमैन प्रो. टीएम महापात्रा ने कहा कि कोरोना के मामले कम हो गए हैं लेकिन वायरस अभी सक्रिय है और म्यूटेट होने की प्रक्रिया में है। वैरिएंट ऑफ कंसर्न अर्थात बी.1.617.2 में दशमलव दो ज्यादा है जो कि बताता है कि डबल म्यूटेशन में भी हल्का बदलाव आया है। 

कहा कि यदि ऐसे ही म्यूटेट होता रहा तो भविष्य में खतरा बढ़ सकता है। वहीं तीसरी लहर के आने में यह काफी अहम भूमिका भी निभा सकता है। कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अब भी जरूरी है, क्योंकि जब संक्रमण दर कम होगा तो म्यूटेशन भी धीरे होगा।

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