आजमगढ़: लागू वेतन समझौता भेदभावपूर्ण-सुभाष

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अधूरे वेतन समझौते के विरोध में नाबार्ड चेयरमैन को भेजा ज्ञापन
आजमगढ़। भेदभावपूर्ण वेतन पुनरीक्षण के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑॅफ आर आर बी यूनियन्स के बैनर तले ग्रामीण बैंक यूनियनों ने नाबार्ड के चेयरमैन जी आर चंटाला को ज्ञापन भेजा। जिसमें वेतन समझौते को शत प्रतिशत लागू करने की मांग की गयी है।
बड़ौदा यूपी बैंक अधिकारी एसोसिएशन के महामंत्री सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन ने बताया कि यूनियनों के विरोध पर वित्त मंत्रालय भारत सरकार ने वेतन बकाया राशि का भुगतान इसी वित्तीय वर्ष में करने का आदेश तो कर दिया है, किन्तु उसे सीआरएआर से जोड़ा गया है एवं अन्य सुविधाओं के संबंध में सरकार ग्रामीण बैंक कर्मियों के साथ भेदभाव कर रही है। जिसके खिलाफ देशभर में कार्यरत् 43 ग्रामीण बैंकों की 23 हजार शाखाओं के 1 लाख कर्मचारी और अधिकारी आंदोलन पर है। उन्होने कहाकि उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया था कि जब जब राष्ट्रीयकृत बैंको में वेतन पुनरीक्षण समझौता हो, उसे ग्रामीण बैंकों में भी यथावत् लागू किया जाय। अधिकारी एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जोगिन्दर सिंह और बदरे आलम ने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीयकृत बैंकों में हुए वेतन समझौते को ग्रामीण बैंकों में अधूरा लागू करने का निर्देश दिया है। अधूरे वेतन पुनरीक्षण आदेश के खिलाफ अप्रैल के अंतिम सप्ताह को प्रोटेस्ट वीक मनाते हुए वित्त मंत्री को ज्ञापन भेजा जायेगा।

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