आजमगढ़: कार्यवाही के नाम पर महिलाओं पर बरपा पुलिस का कहर

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आजमगढ़। गोंदापुर गांव में आरोपितों को पकड़ने के नाम पर पुलिस द्वारा महिलाओं पर कहर बरपाया गया। आरोपितों के न मिलने पर अगल बगल के घर में तोड़फोड़ कर महिलाओं से मारपीट की गई। घायल चार महिलाएं जिला अस्पताल में भर्ती की गईं हैं। पुलिसिया कार्यवाही से पीड़ित अधिकतर लोगों का आरोपियों से कोई लेना देना भी नहीं है।
जानकारी के अनुसार महराजगंज थाना क्षेत्र के गोंदापुर गांव में शनिवार की शाम को स्थानीय पुलिस गुण्डा एक्ट के तहत पाबंद किये गये लोगों के घर नोटिस तामिले के लिए गई। आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों के न मिलने पर कई घरों में तोड़ फोड़ की तथा जो आरोपी नहीं थे उन घरों की महिलाओं को भी लाठी से पीटा गया। पुलिसिया कार्यवाही में चार महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गई। जिनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। जानकारी के अनुसार गत वर्ष 4 मार्च को हुई निवर्तमान ग्राम प्रधान के भाई ओंकार दुबे की हत्या के मामले में कुल 19 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें कुछ लोग जमानत पर हैं तथा बाकी जेल में है। हत्या में वांछित सूरज पुत्र जयराम, परविंदर पुत्र कन्हैया, दसई पुत्र तूफानी व रामचरन पुत्र रामप्यारे को गुंडा एक्ट में पाबंद किया गया है। शनिवार को भारी संख्या में पुलिस बल नोटिस तामिले के लिए गांव में गई। मौके पर आरोपितों के न मिलने पर पुलिस ने अपनी खीझ कई घरों में तोड़ फोड़ करके तथा महिलाओं को लाठियों का निशाना बनाकर मिटाई। पुलिसिया कार्यवाही में रंजना पत्नी अरविंद 35 वर्ष, पुष्पा पत्नी रामायन 45 वर्ष, प्रिया पुत्री रामायन 18 वर्ष व प्रियंका पुत्री दसई 18 वर्ष गंभीर रूप से घायल हो गई, जिनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। आरोप है कि पुलिस ने रामायन के घर पर खड़ी उनकी स्कॉर्पियो को क्षतिग्रस्त कर दिया तथा कन्हैया पुत्र मधुबनी के घर पर दरवाजे, रोशनदान, एस्बेस्टस व हैंडपंप आदि तोड़ दिए तथा रुदल पुत्र रामरतन के घर पर दरवाजे, कुर्सी, गैस चूल्हा आदि बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। 
पुलिसिया कार्यवाही के संबंध में पूछे जाने पर थाना प्रभारी गजानंद चैबे ने बताया कि गांव के 4 लोगों को मुकदमा अपराध संख्या 36/20 के तहत गुंडा एक्ट में पाबंद किया गया था जिसकी नोटिस तामिला के लिए पुलिस गांव में गई थी किंतु गांव में मौजूद महिलाएं पुलिस पर हमलावर हो गई। सूचना पर पहुंचे पुलिस बल को सख्ती बरतनी पड़ी जबकि पुलिस टीम पर हमले के संबंध में स्थानीय पुलिस द्वारा किसी भी प्रकार का मुकदमा अब तक पंजीकृत नहीं किया गया है न ही किसी को गिरफ्तार किया गया । घायल महिलाओं के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने उनके बारे में जानकारी होने से इंकार कर दिया।

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