योगी सरकार के चार साल में लोकतंत्र तहस-नहस हुआ-माले

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लखनऊ, 19 मार्च। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने कहा है कि योगी सरकार के चार साल में स्वतंत्रता आंदोलन की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि नागरिक आजादी व संवैधानिक लोकतंत्र को सर्वाधिक क्षति पहुंची है। वैसे यह क्षति तो मोदी सरकार के सात साल में पूरे देश को हुई है, जिसका प्रमाण अमेरिका स्थित ‘फ्रीडम हाउस’ समेत ख्याति प्राप्त विश्व संस्थाओं के हालिया आंकड़े हैं। लेकिन यूपी में डबल इंजन की सरकार आने के बाद इस क्षति की गति तेज हुई है और लोकतंत्र पूरी तरह तहस-नहस हुआ है।
यह आकलन भाकपा (माले) ने योगी सरकार के चार साल पूरे होने पर शुक्रवार को जारी बयान में प्रस्तुत किया। कहा कि योगी सरकार ने हर एनकाउंटर को अपना तमगा समझकर पूरे सूबे को एनकाउंटर प्रदेश बना डाला। ऐसा करते हुए संविधान और न्यायपालिका को श्बुलडोजश् किया और चुनावी तानाशाही लागू की। संघ-भाजपा की कार्यप्रणाली व विचारधारा को लागू करने के क्रम में नफरत, भय व विभाजन की योगी सरकार की नीति ने हिटलरी युग की याद ताजा कर दी और इसके आगे इंदिरा युग की इमरजेंसी भी शर्मिंदा हो गई।
पार्टी ने कहा कि जिस गौरवशाली व गर्वीले गंगा-जमुनी तहजीब को संदियों ने थाती के बतौर संभाला, उसे योगी सरकार ने साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति कर चार साल में धो डाला। अब प्रदेश में जंगलराज है, जहां दबंगों-अपराधियों का बोलबाला और उन्हें संरक्षण है। विकास का आकलन सिर्फ सीमेंट-कंक्रीट के ढांचों से नहीं होता। बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर है। महिला सुरक्षा, अल्पसंख्यकों दलितों-गरीबों की बदतर हुई हालत ने योगी सरकार के विकास के ढोल की पोल खोलकर रख दी है। भाजपा सरकार झूठ का प्रचार कर सिर्फ अपनी पीठ थपथपा रही है, जबकि हकीकत में सूबे के किसान-मजदूर-नौजवान सभी परेशान हैं।

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