आजमगढ़: सूबे के तीन आईपीएस अधिकारी किए गए सेवामुक्त

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चर्चित आईपीएस अमिताभ ठाकुर के साथ ही जनपद में घूस लेते पकड़े गए राजेश कृष्ण भी हैं सूची में शामिल
-वेदप्रकाश सिंह ‘लल्ला’ 
आजमगढ़। गृह मंत्रालय की स्क्रीनिंग में फेल हुए उत्तर प्रदेश के तीन आईपीएस अधिकारियों को सेवामुक्त कर दिया गया। इन अधिकारियों में चर्चित पुलिस महा निरीक्षक अमिताभ ठाकुर के साथ ही लगभग एक दशक पूर्व प्रदेश में पुलिस भर्ती के दौरान जिले में घूसखोरी के आरोप में पकड़े गए राजेश कृष्ण के साथ ही देवरिया जनपद के शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध पाए जाने वाले डीआईजी (स्थापना) राकेश शंकर भी शामिल हैं। शासन द्वारा की गई इस कार्रवाई की चर्चा सुर्खियों में है।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा जारी पत्र के माध्यम से जानकारी मिली कि गृह मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा की गई स्क्रीनिंग में सूबे के 3 आईपीएस अधिकारियों को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए लोकहित में तात्कालिक प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत्त किए जाने का निर्णय लिया गया है। इन अधिकारियों में पुलिस महा निरीक्षक (रूल्स एवं मैनुअल) पद पर तैनात व अपनी बेबाकी के लिए चर्चित आईपीएस अमिताभ ठाकुर के साथ ही लगभग एक दशक पूर्व प्रदेश में हो रही आरक्षी भर्ती के दौरान भर्ती बोर्ड में शामिल पुलिस अधिकारी एवं वर्तमान में बाराबंकी में तैनात 10 वीं बटालियन पीएसी के सेनानायक राजेश कृष्ण भी शामिल हैं। बताते चलें कि राजेश कृष्ण आजमगढ़ जनपद में अपर पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात रहे और इसी जनपद में पुलिस भर्ती के दौरान उन्हें घूसखोरी के आरोप में एंटी करप्शन सेल द्वारा पकड़ा गया था। वहीं तीसरे आईपीएस अधिकारी राकेश शंकर वर्तमान में डीआईजी स्थापना पद पर तैनात थे। इनके विरुद्ध देवरिया जनपद में शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका पाए जाने पर कार्रवाई की गई है। शासन द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हलचल मची हुई है।

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