वैश्विक महामारी के दौर में भी प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश के प्रस्ताव आए-योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ, 19 फरवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार के निरन्तर प्रयासों से राज्य निवेशकों और उद्यमियों के लिए आकर्षक गंतव्य के रूप में सामने आया है। प्रदेश का नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी का क्षेत्र देश में निवेश का सर्वाधिक सम्भावना वाला क्षेत्र है। यहां पर निवेश के प्रस्ताव लगातार प्राप्त हो रहे हैं। नोएडा में डेटा सेण्टर पार्क तथा देश की सबसे बड़ी डिस्प्ले यूनिट की स्थापना का कार्य तेजी से हो रहा है। जेवर में नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना तथा यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण में फिल्म सिटी का विकास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर नोएडा प्राधिकरण तथा मेसर्स इंगका सेण्टर्स इण्डिया (आइकिया) के मध्य भूमि हस्तांतरणध्लीज डीड विनिमय कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर दोनों संस्थाओं को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने आइकिया द्वारा नोएडा में निवेश पर प्रसन्नता व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आइकिया एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है, जो महिला सशक्तीकरण, बाल विकास सहित सामाजिक योजनाओं के क्षेत्र में कार्य कर रही है। इस संस्था द्वारा नोएडा में 5500 करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। आइकिया द्वारा जनसामान्य के लिए शॉपिंग मॉल, होटल, ऑफिस, रिटेल आउटलेट आदि निर्माण कार्य कराए जाएंगे। इस निवेश से लगभग 2,000 प्रत्यक्ष रोजगार तथा 20,000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि आइकिया द्वारा नोएडा सहित राज्य के अन्य शहरों में भी निवेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मार्गदर्शन में कोरोना कालखण्ड में राज्य सरकार ने प्रदेश की 24 करोड़ आबादी को कोविड-19 के संक्रमण से बचाने के साथ ही राज्य में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने में सफलता प्राप्त की। वैश्विक महामारी के दौर में भी प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश के प्रस्ताव आए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पारदर्शी और व्यवस्थित नीतियां बनायी गयी हैं, जिससे निवेशकों को निवेश में कोई समस्या न हो। प्रदेश सरकार द्वारा निवेशपरक और रोजगारपरक उद्यमों की स्थापना के साथ ही, अधिक से अधिक फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफ0डी0आई0) आकर्षित करने के प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश एक नया और आधुनिक स्वरूप ले रहा है। राज्य में बड़ी संख्या में देशी-विदेशी कम्पनियां निवेश के लिए उत्सुक हैं। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री की प्रेरणा से तैयार की गई नीतियों तथा बनाए गए वातावरण से यह सम्भव हो रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने दुनियाभर के उद्यमियों को आगे बढ़ने का अवसर उपलब्ध कराया है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आइकिया इण्डिया के सी0ई0ओ0 पीटर बेडजिल ने कहा कि आइकिया दुनिया की सबसे बड़ी फर्नीचर और हाउसहोल्ड कम्पनी है। आइकिया द्वारा हैदराबाद, मुम्बई, बंगलौर के बाद उत्तर प्रदेश में निवेश किया जा रहा है। कम्पनी के लिए एन0सी0आर0 का क्षेत्र और उत्तर प्रदेश बहुत महत्वपूर्ण है। संस्था द्वारा नोएडा में अपनी परियोजना को 05 से 07 वर्षों में पूर्ण किया जाएगा। प्रदेश में आइकिया द्वारा अपने कारोबार से बड़ी संख्या में युवाओं और हस्तशिल्पियों को जोड़ा जाएगा। संस्था द्वारा स्थानीय कारीगरों के उत्पादों का विपणन भी किया जाएगा। इससे प्रदेश की ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना को प्रोत्साहन मिलेगा। कार्यक्रम के अंत में अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अरविन्द कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि विभाग द्वारा आइकिया सहित प्रदेश में निवेश के इच्छुक सभी निवेशकों और उद्यमियों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा। नोएडा की सी0ई0ओ0 रितु माहेश्वरी ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, निदेशक सूचना शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। ज्ञातव्य है कि प्रदेश सरकार ने राज्य में निवेश का एक नया माहौल तैयार किया है, जिसके कारण विदेशी कम्पनियों सहित अनेक औद्योगिक इकाइयां यहां निवेश की इच्छुक हैं। जनपद गौतमबुद्धनगर में फिनटेक सिटी की स्थापना के लिए कार्यवाही की जा रही है। नोएडा में माइक्रोसॉफ्ट तथा फ्रेंच कम्पनी थैलस द्वारा अपने ऑफिस भी स्थापित किए गए हैं। नोएडा प्राधिकरण द्वारा कॉमर्शियल बिल्डर प्लॉट योजना के माध्यम से मेसर्स आइकिया को अपनी इकाई की स्थापना हेतु एक भूखण्ड आवंटित किया गया। इससे प्राधिकरण को 850 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई।

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