आजमगढ़: लोगों को खूब भायी एसकेडी की रंगोली और रामदरबार झांकी

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प्रभु श्रीराम का जीवन दर्शन विपरीत परिस्थितियों में भी अपने इरादों और कर्तव्य मार्ग पर अडिग रहने की सीख देता है-विजय बहादुर सिंह
आजमगढ़। जहानागंज क्षेत्र के धनहुंआ स्थित एसकेडी विद्या मन्दिर एवं एसकेडी इण्टर कॉलेज में दीपोत्सव पर्व के उपलक्ष्य में विविध प्रतियोगितायें आयोजित की गयी जिसमें प्रतिभाग करते हुए छात्र/छात्राओं ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया। विद्यालय प्रांगण में जगह जगह बनी रंगोलियां जहां उत्कृष्ट कला को दर्शा रही थी वहीं हर एक रंगोली सामाजिक सरोकार से जुड़े विभिन्न मुद्दों और उपलब्धियों को भी बखूबी दर्शा रही थी। दीया डेकोरेशन, कार्ड मेंकिंग, स्लोगन, निबंध लेखन आदि में विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
शुरूआत विद्यालय के व्यवस्थापक श्रीकांत सिंह द्वारा श्रीगणेश एवं मां लक्ष्मी के स्वरूप की पूजा अर्चन से हुई। इसके पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम का दौर देर तक चलता रहा। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के उपरान्त अवधपुरी में आने की झांकी लोगों को काफी भा रही थी। श्रीराम, लक्ष्मण और मां सीता के अयोध्या में पधारने, भरत मिलाप और प्रभु श्रीराम का अपनी माताओं से मिलने का दृश्य लोगांे को भावुक कर दिया। महिला सशक्तिकरण, आत्मनिर्भर भारत, एसकेडी एजुकेशनल प्वाइंट, श्रीराम दरबार झांकी की थीम पर बनी रंगोली काफी अच्छी लग रही थी। बच्चों द्वारा मिट्टी के दीयों को सुन्दर ढंग से सजाया गया तथा आकर्षक ढंग से दीवाली ग्रिटिंग कार्ड भी बनाया गया। जान्हवी, अन्वेषा, वृष्टि, वैष्नवी, साक्षी, सुजाता, अंश, प्रभव, युगांश, सूर्याशं की प्रस्तुति काफी सराहनीय रही। अपने उद्बोधन में विद्यालय के संस्थापक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि दीपावली त्योहार भगवान राम के 14 वर्षों के कठिन वनवास जीवन बिताते हुए अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनाया जाता है। प्रभु श्रीराम का जीवन दर्शन हमें यह सीखाता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी जो अपने इरादों और कर्तव्य मार्ग पर अडिग रहता है, वही आने वाली कई पीढ़़ीयों का नायक रहता है। विद्यालय के प्रधानाचार्य रामजी चौहान ने भी दीपावली त्योहार के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम को सफल बनाने में दिनेश,संतोष, प्रमोद, आशुतोष, विद्योतमा, प्रियंका, नेहा, रीना, संगीता, रूबी, आदि का योगदान सराहनीय रहा।

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