मऊ : गर्म खाना प्लास्टिक टिफिन, थर्माकोल बॉक्स या अखबार में किए पैक तो होगा खराब

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खाद्य पदार्थ ढकने, रोटी लपेटने व खाने में अखबारी कागज का किया प्रयोग तो कैंसर की संभावना
सुरक्षित परोसिए, सुरक्षित खाइए“ कार्यशाला का आयोजन
रिपोर्ट-मुरली मनोहर पाण्डेय
मऊ। गरम तैयार भोजन प्लास्टिक टिफिन, थर्माकोल बॉक्स या अखबार में पैक करना स्वास्थ्य के लिए कतई हितकर साबित नहीं होगा। भले ही आपने अपने घर के रसोई से कितना भी स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन तैयार किया हो अगर उक्त खाद्य पदार्थ को गरमा गरम स्थिति में ही उपरोक्त बॉक्स में पैक कर दिया जाए तो उसे जहरीला होते समय नहीं लगेगा। उक्त बातें “सुरक्षित खाइए सुरक्षित परोसिए“ नामक विषयक कार्यशाला में लोगों को संबोधित करते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन चीफ राजेश कुमार दीक्षित ने कहा।
नगर के गाजीपुर तिराहा स्थित एक प्लाजा में जिला अभिहित अधिकारी एस.के. त्रिपाठी के निर्देशन में आयोजित कार्यशाला में खाद्य कारोबारकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहाकि खाद्य पदार्थों को ढकने, रोटी लपेटने व खाद्य सामग्री रखकर खाने जैसे प्रयोग में अखबारी कागजो का प्रयोग कतई नहीं होना चाहिए। क्योंकि इसमें लीड टाइटेनियम ऑक्साइड पाया जाता है जो कि कैंसर जैसी बीमारी का प्रमुख कारक होता है। इसके साथ ही खाद्य पदार्थों को ढक कर रखना चाहिए ताकि उन्हें धूल मिट्टी मक्खी मच्छर व काकरोच इत्यादि से बचाया जा सके।
कार्यशाला में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा बताया गया कि जस्ते वा अल्मुनियम के बर्तन में दूध कतई नहीं ऊबालना चाहिए। क्योंकि अलमुनियम का अंश इसमें मिल जाता है जो शरीर में मेटाबॉलिक तथा न्यूरो संबंधित बीमारियों को जन्म देता है। वही बार-बार चाय गर्म करने से उक्त चाय में विषैले तत्व उत्पन्न हो जाते हैं। पैक पानी की बोतल को बार-बार प्रयोग में लाना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होना। रंगीन पॉलिथीन का प्रयोग खाद्य पदार्थों को रखने में नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही बताया गया कि खाद्य पदार्थों को बनाए जाने वाले में प्रयुक्त खाद्य तेल को 2 बार से अधिक गर्म नहीं करना चाहिए। क्योंकि बार-बार तेल, रिफाइन गर्म करने से तेल में ट्रांसफैट बनता है जो हृदय संबंधित बीमारियों को जन्म देता है।
इस अवसर पर खाद्य पदार्थों के मानव को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों के खाद्य पदार्थ वार सूची देते हुए वनस्पति, खाद्य तेल, समृद्ध खाद्य तेल, आटा, लड्डू, बूंदी, बेसन लड्डू, बर्फी, सास भुना चना, नमकीन, धनिया पाउडर, मसालों इत्यादि में हानिकारक तत्व की जानकारी दी गई। वहीं मिठाई की दुकानों पर मिठाइयों को चमकीला बनाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले अल्मुनियम फाइल के विषय में आगाह किया गया कि यह स्वास्थ्य के लिए एक विषाक्त पदार्थ है। कार्यशाला में दुग्ध, दुग्ध उत्पादों के निर्माण प्रसंस्करण भंडारण, चाय मिठाई नमकीन की दुकान, रेस्टोरेंट भोजनालय के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। मीट व मीट के उत्पाद के निर्माण में लगे खाद्य कारोबार कर्ताओं को स्वच्छता संबंधी दिशानिर्देश फुटकर मांस की दुकानों के लिए स्वच्छता एवं स्वास्थ्य संबंधित दिशा-निर्देश इत्यादि दिया गया।
इस अवसर पर समस्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज यादव, बिंदु पांडेय, दिनेश राय, जयहिंद राम, रामानंद, सत्यराम जिला स्टियरिंग कमेटी सदस्य श्रीराम जायसवाल, किराना व्यवसायी संघ नेता बृजभूषण गुप्ता, विनोद गुप्ता, आशुतोष सिंह, राजीव कुमार, गुड्डू मद्धेशिया, संजय गुप्ता, बृजेश यादव, सुभाष यादव, मुन्ना प्रसाद वर्मा, बासु चौहान, द्वारकानाथ चौहान, घनश्याम गुप्ता, संजय तनवानी, भरत भारद्वाज, धर्मदेव गुप्ता, प्रेम कुमार गुप्ता, रजनीश मौर्य सहित काफी संख्या में व्यापारी, उद्यमी व उपभोक्ता उपस्थित रहे।

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