आजमगढ़: ‘पानी की पाठशाला’ हुई प्रारम्भ

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जल संरक्षण की दिशा में लोक दायित्व का अभिनव प्रयोग
देश में अपने तरह की अनूठी पहल है ‘पानी की पाठशाला’

आजमगढ़. बिलरियागंज के रेनबो नेशनल स्कूल में शुक्रवार को लोक दायित्व ने बहुप्रतीक्षित पानी की पाठशाला की शुरुआत की गई। पानी के संरक्षण और बच्चों को उसके महत्व से परिचित कराने के लिए लोक दायित्व द्वारा शुरू की गई देश में अपनी तरह की यह अनूठी पहल है। पाठशाला में रेनबो नेशनल स्कूल के चार सौ बच्चों ने प्रतिभाग किया। 100 बच्चों ने जल संरक्षण पर निबंध, लेख एवं कविताएं लिखीं और प्रतिभागी बने।इन सभी बच्चों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र भी दिया गया।पाठशाला में पानी की संरचना, पानी के प्रदूषण, प्रदूषण से बचने के उपाय, पानी का पुनर्प्रयोग आदि विषयों पर बच्चों से संवाद किया गया। अमरूद की पत्ती से पानी की गुणवत्ता जांचने एवं पानी के दोहन, भूजल पुनर्भरण आदि पर गतिविधियां कराई गईं. जिसमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया। पानी के विषय पर पानी की पाठशाला के सूत्रधार पवन कुमार सिंह ने एक घंटे की कक्षा भी चलाई । कार्यक्रम के अंत में बच्चों को पानी के प्रहरी बनने का संकल्प दिलाकर कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। पानी की पाठशाला के सूत्रधार पवन कुमार सिंह ने बताया कि जल संरक्षण का अभियान पूरे देश में चलाया जा रहा है, लेकिन ‘पानी की पाठशाला’ की शुरुआत देश में आजमगढ़ से हुई है। इस सत्र में इसे आजमगढ़ के 500 स्कूलों में चलाया जाना है। इसके बाद इसके परिणामों पर भी समीक्षा संगठन द्वारा की जाएगी। कई वर्ष से इस अवधारणा पर काम चल रहा था। परंतु इसमें तेजी श्रीप्रकाश गुप्ता जी के कारण आयी। विद्यालय की प्रिंसिपल प्रियंका त्रिपाठी ने बताया कि पानी की पाठशाला अद्भुत है। इतने ठोस तरीके से बच्चों के साथ इस विषय को पहली बार रखा गया है। यह एक क्रांति है। इसे पूरे देश के स्कूलों में चलना चाहिए.

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