आजमगढ़: सदन में भी उठा श्रेया आत्महत्या प्रकरण

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स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक पर कार्रवाई को बताया अनुचित
लखनऊ-आजमगढ़। विधान परिषद में सपा सदस्यों ने मणिपुर की घटना पर निंदा प्रस्ताव लाने के लिए जोरदार हंगामा किया है। वे निधन प्रस्ताव के अलावा पूरे समय वेल में रहे और सरकार विरोधी नारे लगाते रहे। हंगामे के बीच ही सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने जैसे-तैसे विधायी कार्य निपटाए। सोमवार की सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही प्रारंभ हुई, सपा दल के नेता लाल बिहारी यादव, सदस्य नरेश उत्तम पटेल, स्वामी प्रसाद मौर्य, मान सिंह यादव व आशुतोष सिन्हा ने मणिपुर की घटना पर चर्चा की मांग की। सभापति ने उन्हें प्रश्न प्रहर के बाद यह मुद्दा उठाने के लिए कहा, पर वे नहीं माने और वेल में आ गए। इस पर सभापति ने व्यवस्था दी कि सपा सदस्य जो कुछ बोल रहे हैं, वो कार्यवाही का हिस्सा नहीं माना जाएगा। हंगामा बढ़ने पर 12 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर पूर्व एमएलसी स्वर्गीय सुभाष चंद्र माहेश्वरी को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सपा सदस्य फिर वेल में आ गए। इस बार आधा घंटे के लिए सदन स्थगित किया गया। तीसरी बार 12.45 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा। इस हंगामे के बीच ही सभी विधेयक पटल पर रखे गए। अन्य नियमों के तहत सूचनाएं भी ली गईं। हंगामे के बीच कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने एडेड विद्यालयों में तदर्थ शिक्षकों का वेतन रोक दिए जाने का मुद्दा उठाया। देवेंद्र प्रताप सिंह ने भी इस समस्या को रखा। सभापति ने सरकार को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। निर्दल समूह के राजबहादुर सिंह चंदेल और डॉ. आकाश अग्रवाल ने आजमगढ़ में एक छात्रा के आत्महत्या प्रकरण में स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक पर कार्रवाई को अनुचित मानते हुए यह मुद्दा उठाया। बसपा के भीमराव अंबेडकर ने गाजियाबाद में एक घटना के माध्यम से कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया। विजय बहादुर पाठक और डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त ने गांधी शांति पुरस्कार के लिए गीता प्रेस, गोरखपुर के चयन के लिए प्रधानमंत्री के लिए धन्यवाद प्रस्ताव रखा, जिसे स्वीकार किया गया। देवेंद्र प्रताप सिंह भी देश-दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री के लिए धन्यवाद प्रस्ताव लाए, जिसे स्वीकार किया गया। भाजपा के सदस्य विजय बहादुर पाठक ने सूचना देकर शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने की मांग की। उन्होंने आवारा कुत्तों की समस्या को भी उठाया।

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