भाजपा मंडल अध्यक्ष को दबंगों ने पीटा

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लगाया आरोप पुलिस और पार्टी के लोगों ने नहीं की मदद, इसलिए हटा दिया झंडा
औरैया। औरैया में भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के मंडल अध्यक्ष प्रदीप दिवाकर को दंबगों ने घेरकर पिटाई की है। भाजपा नेता ने इसकी शिकायत पुलिस से की तो पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद उन्होंने पार्टी के नेताओं को कई बार फोन करके घटना की जानकारी देनी चाही तो भाजपा के नेताओं ने उनका फोन ही नहीं उठाया। इससे नाराज होकर भाजपा के मंडल अध्यक्ष प्रदीप दिवाकर ने अपनी कार से पार्टी का झंडा हटा दिया और कार पर लगा पदनाम और पार्टी का स्टीकर भी हटा दिया। वहीं, मारपीट की घटना का वीडियो बनाकर आरोपियों ने सोशल मीडिया पर डाल दिया। जो अब तेजी से वायरल हो रहा है।
फफूंद के सहनगरा निवासी प्रदीप दिवाकर ने बताया कि वह भाजपा अनुसूचित मोर्चा के मंडल अध्यक्ष हैं। 18 मार्च को उनके ससुर का देहांत हो गया था और वह अपनी ससुराल गए था। घर में उनके नाबालिग बच्चे थे। तभी गांव का ही एक युवक जोकि उनकी रिश्तेदारी में पड़ता है। उनके घर घुस गया। जिसे घर में घुसते बच्चों ने देख लिया तो शोर मचाया और फोन करने इसकी जानकारी दी। सूचना मिलने पर वह ससुर का शव छोड़कर घर आए और पुलिस से शिकायत की। जिसके बाद पुलिस ने उनका शांति भंग में चालान कर दिया। दबंग जब छूटकर आया तो उसने रास्ते मे घेरकर मारा पीटा। इसका उसने वीडियो भी बना लिया। इसके बाद उन्होंने फिर से पुलिस को सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
भाजपा नेता प्रदीप दिवाकर ने बताया कि इस मामले में उनकी मदद नहीं की गई। उसने भाजपा के सभी नेताओं से गुहार लगाई थी। दूसरा पक्ष जो बसपा का कार्यकर्ता है। उसकी मदद जिला पंचायत अध्यक्ष कमल दोहरे कर रहे हैं। जबकि पार्टी के लिए उन्होंने मेहनत की और मदद भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष दूसरे की कर रहे हैं। इससे खफा होकर उसने पार्टी का झंडा हटा दिया और कार के शीशे से पार्टी का नाम व पदनाम भी हटा दिया है। इसका वीडियो वायरल होने पर लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं।
भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीराम मिश्रा का कहना है कि मामला संज्ञान में है। उचित धाराओं में मुकदमा लिखने को कहा गया था, लेकिन वह लूट जैसी गंभीर धाराएं लिखाना चाहते हैं, वह सम्भव नहीं है। उन्हें समझाने की कोशिश की जा रही है।
फफूंद थाना प्रभारी पंकज मिश्रा का कहना है कि उनकी पहले तहरीर मिलने पर शांति भंग की कार्रवाई की गई थी। इसके बाद जो तहरीर आई उसमें घटनाक्रम का तथ्य सही नहीं है। इसलिए मुकदमा नहीं लिखा। जो सही थी वो कार्रवाई की गई।

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