कृषि विशेषज्ञ एसएन सिंह ने किसान गोष्ठी में बताया खेती के गुर

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Report by- ashok jaiswal

बलिया। जनपद के सीयर विकास खण्ड के ककरासो गांव में आत्म योजना अंतर्गत एक किसान गोष्ठी का आयोजन विकास खण्ड के कृषि विभाग के तकनीकी सहायक मथुरा प्रसाद द्वारा आयोजित की गई। इसमें महिला और पुरुष किसानों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। 


इस अवसर पर गोष्ठी में उपस्थित कृषि विशेषज्ञ एसएन सिंह ने जब कृषकों से फसलों के बारे में पूछा तो किसान बंधुओं ने अवगत कराया कि हम लोग केवल गेंहू व धान की खेती को ही अपनाएं हुए हैं। और कुछ क्षेत्रों में मटर व सरसो की बुआई करते हैं। चना अरहर और गन्ने की फसल को हम लोगों ने छोड़ दिया है। बताया कि चने की फसल में कीड़ों का प्रकोप अधिक हो रहा है इसलिए हम इसकी बुआई छोड़ दिए। इस पर कृषि विशेषज्ञ ने सुझाव दिया कि आप चने की खेती करें। और चने की फसल में समय से कीड़ों के नियंत्रण हेतु समय से कीटनाशक का प्रयोग कृषि विभाग के कार्यकर्ताओं के सुझाव के अनुसार करें। गेंहूं व धान फसल चक्र अपनाते रहने से भूमि की उर्वरा शक्ति में कमी आती है। ऐसी स्थिति में धान के बाद रवि सीजन में दलहनी और तिलहनी फसलों आलू एवं मक्का फसलों को लिया जाय। कृषकों के लिए लाभप्रद योजनाओं के अंतर्गत खेती में लागत लगाने हेतु बैंक से केसीसी के माध्यम से धनराशि कृषकों को मुहैया कराने का प्रविधान है ताकि धन की कमी से फसल उत्पादन में कोई व्यवधान न आए। इस हेतु जिन किसान बंधुओं को इसकी आवश्यकता हो विकास खण्ड परिसर स्थित राजकीय कृषि बीज भंडार पर उपलब्ध अधिकारी कर्मचारी से सम्पर्क कर इसका लाभ ले सकते हैं। यह एक अत्यन्त लाभकारी योजना है। इसके अतिरिक्त अवगत कराया कि मूंग की बुआई का समय चल रहा है। मूंग की खेती से जहां पर हमें कुछ मात्रा में उच्चकोटि की दाल की प्राप्ति हो जाती है वहीं पर दूसरी तरफ मूंग के फसल अवशेष को खेत में जुताई कर देने से खेत में जीवांश की मात्रा में वृद्वि होती है और खेत मजबूत होता है। इस अवसर पर लालमुनि सिंह, विश्वजीत गोस्वामी, अमरीश पांडेय, सूर्यभान, राकेश विश्वकर्मा बीटीएम प्रविन्द तिवारी के साथ ही ग्राम प्रधान जितेंद्र खरवार उपस्थित रहे।

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