आजमगढ़ : जीडी ग्लोबल स्कूल में धूमधाम से मनाया गया नवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

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योग हमारे मस्तिष्क को ताकत पहुंचाता है-गौरव अग्रवाल
आजमगढ़। करतालपुर स्थित जीडी ग्लोबल स्कूल में नवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह बड़े ही भव्य तरीके से मनाया गया। पतंजलि परिवार और विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में योग महोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में सूरज प्रकाश श्रीवास्तव जिला महामंत्री भाजपा लालगंज आजमगढ़ एवं अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी पेंचक सिलाट विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल, प्रबंधक श्री गौरव अग्रवाल तथा प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका सारस्वत पाण्डेय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया। पतंजलि परिवार के अरूण यादव राज्य महामंत्री भारत स्वाभिमान न्यास ने मुख्य अतिथि श्री सूरज प्रकाश श्रीवास्तव को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। पतंजलि परिवार की बहन आशा सिंह ने निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल, प्रबंधक गौरव अग्रवाल तथा प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका सारस्वत पाण्डेय एवं उपप्रधानाचार्या श्रीमती मधु पाठक को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। योगाभ्यास का प्रारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। श्री राम जय राम जय जय राजा राम के मधुर भजन से पूरा परिसर संगीतमय हो गया। सांस्कृतिक गतिविधियों के पश्चात सभी योग साधकों को राष्ट्र की स्वच्छता और प्रकृति, पर्यावरण को संरक्षित रखने हेतु संकल्प कराया गया। तन-मन और इंद्रियों को एक करने के उद्देश्य से योगाभ्यास का प्रारंभ किया गया।

 पतंजलि परिवार के प्रशिक्षकों ने विभिन्न योग, आसन और प्राणायाम का अभ्यास कराया। त्रिकोण आसन, ताड़ासन, भुजंगासन, शलभासन आदि आसन का अभ्यास कराया गया। योगाभ्यास के पश्चात मुख्य अतिथि सूरज प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि योग के नियम का पालन और प्रतिदिन अभ्यास करके हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वाश होता है। विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल ने बताया कि योग से न केवल व्यक्ति का तनाव दूर होता है बल्कि मन और मस्तिष्क को भी शांति मिलती है योग बहुत ही लाभकारी है। प्रबंधक गौरव अग्रवाल ने बताया कि योग न केवल हमारे दिमाग, मस्तिष्क को ही ताकत पहुंचाता है बल्कि हमारी आत्मा को भी शुद्ध करता है। आज बहुत से लोग मोटापे से परेशान हैं, उनके लिए योग बहुत ही फायदेमंद है। विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका सारस्वत पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि योग का शब्द का उद्भव संस्कृत के ‘युज‘ धातु से हुआ है। जिसका अर्थ है, शारीरिक और मानसिक शक्तियों का संयोग। योग एक अभ्यास है जो मानसिक, शारीरिक, आध्यात्मिक और सामाजिक स्वास्थ्य को बनाए रखता है। योग एक कला है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ता है। आज के इस अवसर पर हम सबको संकल्प लेना चाहिए कि अपने व्यस्तम दिनचर्या में योग को नित्य प्रति स्थान स्थान अवश्य देना चाहिए।

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