आजमगढ़: डीएम की नेक पहल, कबाड़ बीनने वाले चार बच्चे अब जाएंगे स्कूल

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मीडिया में प्रकाशित फोटो के बाद जगी डीएम की मानवीय संवेदना
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। वाराणसी से प्रकाशित एक समाचार पत्र में शनिवार को छपी एक खबर में ठेला खींच रहे कबाड़ बीनने वाले चार बच्चों की फोटो देख डीएम की मानवीय संवेदना जगी और उन्होंने उन बच्चों की तलाश में कई टीमों को लगा दिया।
डीएम के इस नेक पहल का नतीजा रहा कि बच्चों की तलाश में निकली टीम के सदस्य शहर में बसे कबाड़ बीनने वाले परिवारों के बीच पहुंचकर फोटो के आधार पर उन बच्चों की तलाश करने में सफल रहे। जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी (नगर) सुश्री रविता राव एवं पल्हनी के खंड शिक्षा अधिकारी जेपी सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यीय दो टीमें गठित कर बच्चों की तलाश हेतु उन्हें लगाया। शहर में झुग्गी-झोपड़ी डालकर कबाड़ बीनने वाले परिवारों के बीच जाकर टीम के सदस्यों ने फोटो के आधार पर उन बच्चों को तलाशा और शहर के गुलामी का पूरा मोहल्ले में रहने वाले बच्चों की पहचान करने में सफल रहे। चिन्हित किए गए सभी बच्चों को जिला अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिनमें संजर एवं बिट्टू के पिता अख्तर की मौत हो चुकी है। माता साहीन घरों में घरेलू कार्य करके बच्चों की देखभाल करती है। गरीबी का दंश झेल रहे इस परिवार के दोनों बच्चे भरण पोषण के लिए शहर में कबाड़ बीनने का कार्य करते हैं। शुक्रवार को संजर अपने भाई बिट्टू और तीन वर्षीय बहन तथा पड़ोस में रहने वाले हमउम्र गोलू पुत्र शमा परवीन के साथ ठेला लेकर कबाड़ बीनने निकला था। अपने बच्चों पर फोटो जर्नलिस्ट की नजर पड़ी और उसने उनकी तस्वीर कैद कर लिया। शनिवार को इन बच्चों की फोटो समाचार पत्र में प्रकाशित होने के बाद जिलाधिकारी ने इसे संज्ञान में लिया और उन बच्चों की तलाश के लिए टीमों को लगाया गया। शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में लाए गए इन बच्चों से जिलाधिकारी ने सहृदयता से बातचीत कर उनके पारिवारिक स्थिति के बारे में जानकारी ली। इसके बाद जिलाधिकारी ने मौके पर मौजूद शिक्षा अधिकारियों को उनके शैक्षिक उत्थान के लिए बच्चों को गोद लेने पर जोर दिया। लगे हाथ बच्चों को परिषदीय यूनिफार्म उपलब्ध कराते हुए उनका प्रवेश शहर के गंगा राय कंपोजिट विद्यालय में कराया गया। इस मौके पर उपस्थित चिल्ड्रेन कालेज के प्रबंधक बजरंग त्रिपाठी ने इन बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ ही इनकी माताओं शाहीन व शमा परवीन को उनकी योग्यता अनुसार अपने विद्यालय में समायोजित करने का भी आश्वासन दिया। जिलाधिकारी के इस नेक पहल की सर्वत्र सराहना हो रही है।

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