मऊ: पांच साल में धन दोगुना करने वाली कंपनी के तीन संचालकों के विरुद्ध मुकदमा

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रिपोर्ट-राहुल पाण्डेय
मऊ। हलधरपुर थाना क्षेत्र के गुलौरी ग्राम पंचायत के धर्मागतपुर निवासी रामाश्रय यादव के तरफ से धन निवेश करने वाली तथाकथित कंपनी एटीएफएस मल्टी सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के हेड उसकी पत्नी और उसके भाई के विरुद्ध धोखाधड़ी करने का मुकदमा दर्ज कराया गया है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद इस प्रकरण की जांच रतनपुरा पुलिस चौकी के प्रभारी रामचंद्र सिंह कर रहे हैं। बताया जाता है कि पीड़ित रामाश्रय यादव पुत्र हरदेव यादव धर्मागतपुर पोस्ट रतनपुरा थाना हलधरपुर ने प्राथमिकी में कहा है कि रतनपुरा में गोल्ड सिटी इंफ्राटेक इंडिया लिमिटेड रजिस्टर नंबर 1141322/14184/ डी 1065 एवं गोल्ड ATFS मल्टी सेल्स प्राइवेट लिमिटेड 02/ 101 विशेष खंड गोमती नगर लखनऊ पिन कोड 226010 के नाम के कंपनी की शाखा खोला। जिसका हेड ऑफिस विशेष खंड गोमती नगर 2/101 लखनऊ में स्थित दर्शाया गया है, यह कंपनी फ्रॉड है। कंपनी के हेड जयराम यादव पुत्र चंद्रदेव यादव संध्या यादव पत्नी जयराम यादव व हरेराम यादव पुत्र श्यामू यादव निवासी ग्राम ज्ञानपार ( दतौड़ा) रतनपुरा थाना हलधरपुर के है। उनके द्वारा आसपास के लोगों को बहला फुसलाकर 5 वर्ष में धन दोगुना करने के नाम पर पैसा जमा कराया। इसी क्रम में पीड़ित से भी 5 वर्ष में धन दोगुना करने के नाम पर गोल्ड सिटी इंफ्रा टेक लिमिटेड के नाम से 887000 (आठ लाख सत्तासी हजार रूपये) 16 अक्टूबर 2011, 10 मई 2012, 15 अप्रैल 2012, 9 अप्रैल 2012 तथा गोल्ड ATFS मल्टी सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जमा कराया। समय पूरा हो जाने पर बार-बार बरगलाते रहे। इसी तरह बहुतायत लोगों से धन जमा कराकर रतनपुरा शाखा को समय पूरा होने से पहले बंद कर दिए। संपर्क करने पर बार-बार लखनऊ हेड ऑफिस बुलाता रहा, और हर बार समय देता रहा। उसके बाद कई बार उसके मोबाइल नंबर 945490 7237/ 9455804783 पर संपर्क करने पर जवाब भी नहीं देता था।
रामाश्रय यादव के अनुसार 5 नवंबर 2021 को जब प्रार्थी उसके हेड ऑफिस लखनऊ पहुंचा तो देखा कि वहां ताला लगा हुआ है। वह लखनऊ में ही कहीं रहता है, लेकिन उसका अता पता नहीं है। वादी मुकदमा रामाश्रय यादव को अपने दोनों पुत्रियों की शादी करनी है। लेकिन उनके पास शादी करने के पैसे नहीं है। अपनी जिंदगी भर की गाड़ी कमाई इस कंपनी में निवेश किए थे। पीड़ित के तरफ से थानाध्यक्ष के यहां आवेदन किए गए , लेकिन उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया गया।तब वे पुलिस अधीक्षक की शरण में चले गए। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर हलधरपुर थाने में फ्रॉड कंपनी के संचालकों के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 420 /406 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया।तथा पीड़ित के तरफ से समस्त साक्ष्य जांच अधिकारी को उपलब्ध करा दिए गए हैं।

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