बसपा को महज 1 सीट, मायावती ने बताया किस बात का है संतोष

Youth India Times
By -
0


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को बड़ा झटका लगा है। चार बार यूपी की मुख्यमंत्री बन चुकीं मायावती की पार्टी को इस चुनाव में महज 1 सीट मिली है। शुक्रवार को लखनऊ में मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अपने कार्यकर्ताओं से हिम्मत ना हारने की अपील की। मायावती ने कांग्रेस और बीजेपी का इतिहास बताकर समर्थकों को यह समझाने की कोशिश की है कि राजनीति में अच्छे-बुरे दौर आते रहते हैं। बसपा सुप्रीमो ने बीजेपी की जीत और बसपा की हार की वजहों का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि उनका समाज पार्टी के साथ चट्टान की तरह खड़ा रहा, उन्हें इस बात का संतोष है।
मायावती ने कहा कि यूपी का वर्तमान चुनाव बसपा के करोड़ों लोगों की कड़ी मेहनत का वाजिब फल कतई नहीं है। फिर भी बाबा साहेब की अनुयायी इस पार्टी के लोगों को हिम्मत नहीं हारना है, बल्कि पत्थर काटकर रास्ता बनाने का प्रयास हर हाल में आजीवन जारी रखना है। बीजेपी ने भी इतने खराब हालात देखे हैं। आजादी के बाद से काफी समय तक इन्हें देश में राज करने का मौका जनता ने नहीं दिया। यूपी में भी 2017 से पहले भाजपा की स्थिति कोई खास अच्छी नहीं थी। कांग्रेस पार्टी भी उसी हालत से गुजर रही है। जिस खराब हालत से पहले भाजपा गुजर चुकी है। मायावती ने यह भी कहा है कि 1977 के चुनाव में कांग्रेस को भी इसी तरह की हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन फिर वापसी भी हुई। मायावती ने कहा कि मीडिया पर नकारात्मकता फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी को बीजेपी की बी टीम के रूप में पेश किया गया। मायावती ने कहा कि बसपा के मुस्लिम वोटर्स सपा की ओर शिफ्ट हो गए। उन्होंने यह भी माना कि सपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए उनके हिंदू वोटर्स (गैर जाटव) ने बीजेपी को वोट किया। मयावती ने कहा, श्श्संतोष की बात है कि दलित वोटर्स खासकर मेरे अपने समाज के लोग पार्टी के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे। इन पर मैं जितना गर्व करूं कम है या जितना आभार प्रकट करूं कम होगा। उन्हें अपना मनोबल नहीं गिरने नहीं देना है। सफलता एक दिन फिर झक मारकर आएगी।
मायावती ने कहा कि भाजपा के मुस्लिम विरोधी आक्रामक चुनाव से मुस्लिम समाज ने सपा को को वोट दे दिया। यदि ये लोग अफवाहों का शिकार नहीं होते तो परिणाम ऐसा नहीं होता। अब समय बीत जाने के बाद ये लोग पछताएंगे। मुस्लिम समाज का वोट यदि दलित समाज के साथ मिल जाता, जैसे बंगाल में टीएमसी के साथ मिलकर भाजपा को धाराशायी किया था, वैसा ही यहां भी होता। ये लोग इस तथ्य को भूल जाते हैं कि बीएसपी ही यूपी में भाजपा को सत्ता में आने से रोक सकती है, सपा नहीं। यदि यूपी में त्रिकोणीय संघर्ष हुआ होता तो यूपी के परिणाम बीएसपी की अपेक्षा के मुताबिक आती और बीजेपी सत्ता में नहीं आता।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)