पूर्वांचल के माफियाओं ने ऐसे सफेद किया अपना काला धन

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कोलकाता-मुंबई-दिल्‍ली से जुड़े तार
लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। उनकी संपत्तियों पर बुल्‍डोजर चल रहे हैं। माफियाओं से जमीन खाली कर गरीबों के लिए मकान बनाए जा रहे हैं लेकिन अब पता चला है कि पूर्वांचल के माफियाओं ने मनी लांड्रिंग के जरिए भी अपना बहुत सा काला धन सफेद किया है।
कालेधन को व्हाइट मनी में तब्दील करने के लिए सेमी कंपनियों के नाम से फर्जीवाड़ा किया गया है। जांच में ऐसी-ऐसी कंपनियों का खुलासा हुआ है जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है। इस फर्जीवाड़े के तार कोलकाता, मुंबई और दिल्ली से जुड़े हुए हैं। पुलिस, प्रवर्तन निदेशालय और सतर्कता अधिष्ठान की जांच में यह खुलासे हुए हैं। अतीक अहमद की 11 बेनामी कंपनियों का प्रयागराज पुलिस ने खुलासा किया था। जब अफसर अतीक का बयान लेने साबरमती जेल पहुंचे तो उसने कई नाम बताए।
बताया जा रहा है कि अब प्रयागराज सहित दूसरे शहरों में माफिया की अचल संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई तेज हो सकती है। सूत्र बता रहे हैं कि अब तक की छानबीन में करोड़ों रुपये की कीमती अचल संपत्ति के बारे में जानकारी मिली है। इन संपत्तियों को जब्त करने से पहले आयकर और दूसरे विभाग से दस्‍तावेज और सबूत जुटाए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अतीक अहमद ने कंस्‍ट्रक्‍शन और दूसरी कंपनियां संचालित करने वाले कुछ नामों का खुलासा किया है। इससे पहले अक्‍टूबर के आखिरी हफ्ते में भी ईडी ने अतीक से जेल में पूछताछ की थी।
हाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अतीक अहमद और उनकी पत्‍नी की 8.14 करोड़ रुपए की संपत्ति को अस्‍थाई रूप से कुर्क भी किया है। केंद्रीय एजेंसी ने उनके खिलाफ हत्‍या, जबरन वसूली, जमीन हथियाने, जालसाजी करने और इस तरह के अपराधों को लेकर कई थानों में दर्ज मामलों के चलते धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जांच शुरू की थी।
जांच में पता चला कि अतीक का पैसा उनके रिश्‍तेदार कई बैंक खातों में जमा करके रखते थे। अतीक के सहयोगी कई फर्मों और कंपनियों का चलाते हैं जिनके खातों में भी पैसा जमा किया गया। ईडी ने अतीक की सहयोगी कंपनियों का डेटा आयकर विभाग और अन्‍य एजेंसियों से भी लिया। सभी कंपनियों में निवेश किए गए धन के स्रोत का पता लगाया जा रहा है। मनीलांड्रिंग के केस में ही अतीक के बेटे मो. उमर को सत्र न्‍यायालय से समन जारी हुआ है। ईडी की ओर से उमर को कई बार नोटिस जारी कर बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया था लेकिन दो लाख रुपये का इनामी उमर हाजिर नहीं हुआ। नोटिसों की अवहेलना पर ईडी ने कोर्ट में अर्जी दी थी।

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