महान शिक्षाविद व गंगा-जमुनी संस्कृति के वाहक डॉ.काशी प्रसाद जायसवाल का जन्म दिवस मनाया गया

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रिपोर्ट-अशोक जायसवाल

बलिया। बिल्थरारोड जायसवाल समाज द्वारा शनिवार की देर शाम जायसवाल धर्मशाला में विश्व में भारत का सम्मान बढ़ाने वाले महान क्रांतिकारी व विचारक डॉ. काशी प्रसाद जायसवाल का जन्म दिवस मनाया गया। समाज द्वारा उनके चित्र पर माल्यार्पण व द्वीप जलाकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया तथा उन्हें भारत रत्न देने की मांग का जोरदार समर्थन किया गया।
विश्व में भारत का सम्मान बढ़ाने वाले महान क्रांतिकारी व विचारक डॉ. के. पी. जायसवाल का जन्म 27 नवम्बर 1881 को मिर्जापुर में हुआ था। इनके पिता महादेव प्रसाद जायसवाल की गिनती वहां के रईसों में होती थी।भारतीय दर्शन, इतिहास, भाषा-साहित्य, सभ्यता-संस्कृति व धर्म के गौरवशाली अतीत को काशीप्रसाद ने जिस प्रखरता से उभारा है, उस तरह की प्रखरता का प्रदर्शन अभी तक कोई दूसरा साहित्यकार या इतिहासकार नहीं कर पाया है। शायद, इसलिए ज्ञानपीठ, साहित्य अकादमी, व पद्मभूषण से सम्मानित राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने अपने संस्मरण और ‘श्रद्धां- जलियां’ नामक पुस्तक में लिखा है कि सूर्य, चंद्र, वरुण, कुबेर, वृहस्पति भी डॉ. काशी प्रसाद जायसवाल जी की बराबरी नहीं कर सकते। एक अन्य साहित्य अकादमी तथा पद्मभूषण से विभूषित प्रख्यात साहित्यकार डॉ अमृतलाल नागर ने तो यहां तक कहा है कि अगर उन्हें चंद घड़ी के लिए हिंदुस्तान का बादशाहत मिल जाए तो वे हिंन्दुस्तान की तकदीर और तकदीर बदल सकते हैं। टाइम्स आफ इंडिया के 31 अगस्त, 1960 के अंक में प्रकाशित एक समाचार से यह भी पता चलता है कि भारत सरकार ने सन् 1961 में कुछ विशिष्ट महापुरूषों के सम्मान में विशेष डाक टिकटों को जारी करने का निर्णय लिया है। उन महापुरूषों में एक नाम प्रसिद्ध इतिहासकार डा.काशी प्रसाद जायसवाल का भी था। प्रसिद्ध उपन्यासकार अमृतलाल नागर ने कहा है कि यदि मुझे पीर मोहम्मद चिश्ती की भांति तीन घंटे की बादशाहत मिल जाए, तो मैं गाँव-गाँव के मंदिरों में डा. काशी प्रसाद जायसवाल की मूर्तियाँ स्थापित करने का आदेश प्रसारित कर दॅू। ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी डॉ. जायसवाल को श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में समाज के बिल्थरारोड अध्यक्ष रतन लाल जायसवाल, प्रशांत कुमार मंटू, दुर्गा प्रसाद मधु, विनोद कुमार पप्पू, सुनील कुमार टिंकू, संजय जायसवाल, विशाल जायसवाल, सुभाष जायसवाल, प्रदीप जायसवाल, प्रेम जायसवाल, संतोष जायसवाल, राजेश जायसवाल, रमेश जायसवाल, अशोक जायसवाल आदि प्रमुख रहे।

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