किसान मजदूरों की समस्याओं के समाधान में राहुल सांकृत्यायन के विचार प्रासंगिक

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आजमगढ़। 9 अप्रैल 1893 को आजमगढ़ की धरती पर एक ऐसे महान यायावर महापुरुष का वितरण हुआ जो देश ही नहीं दुनिया के फलक पर अपने ज्ञान और दर्शन के बल पर अपनी अमिट छाप छोड़ गए। राहुल सांकृत्यायन के 128वें जन्मदिवस पर राहुल सांकृत्यायन के मूर्ति पर राहुल चिल्ड्रेन एकेडमी परिसर में माल्यार्पण के बाद एक जुलूस निकाला गया। जुलूस निकलकर कलेक्ट्रेट कचहरी स्थित राहुल जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। माल्यार्पण के बाद राहुल विद्यालय परिसर हाल में एक विचार गोष्ठी हुई। जिसका विषय किसानों-मजदूरों की समस्याओं के समाधान में राहुल सांकृत्यायन की विचार आज भी प्रासंगिक है। 



पूरे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महापंडित राहुल सांकृत्यायन के छोटे भाई के पुत्र विनोद कुमार पांडेय जी ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए बताया कि राहुल सांकृत्यायन की विचारधारा को आगे बढ़ाने वाले ही उनके असली वारिस है, उन्होंने कहा कि हमें दुःख है कि आज राहुल जी के विचारों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम ठहरा हुआ है। समाज भयानक दौर में पहुंच चुका है शिक्षा-स्वास्थ्य-सम्मान-रोजगार- श्रम की कीमत सब कुछ रसातल में जा चुका है।गरीबों के बेटों को गरीबों से लड़ा जा रहा है।पूंजीवाद के तीन रक्षक- जाति, धर्म और भगवान को राहुल जी ने अपनी लेखनी से बहुत पर्दाफाश कर दिया है। उनके विचारों को उनकी पुस्तकों में पढ़ने और उसको अपने जीवन में अमल करने की जरूरत है। 

विचार गोष्ठी में स्कूल की छात्रा रिया शाक्या, साक्षी सिंह ने ‘राहुल होना खेल नहीं’ और राहुल व संदीप ने ‘भागो मत दुनिया को बदलो-मत भागो दुनिया को बदलो’ गीत गाकर कार्यक्रम को सफल किया। गोष्ठी में कन्हैया लाल, महताब आलम, रामराज ,राहुल, अनिल प्रशांत, दुखहरन राम, अवधेश अनिरुद्ध, संदीप, सुजीत, आलोक अनिकेत, राकेश, सर्वजीत, मीनू राय, कंचन आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विनोद कुमार पांडेय (राहुल सांकृत्यायन के भाई के पौत्र) व अध्यक्षता दुखहरन राम और संचालन अनिल चतुर्वेदी ने किया।

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