आजमगढ़: शिक्षक ही छात्रों के अवगुणों को दूर कर काबिल बनाता-निशात अफज़ा

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शिक्षक दिवस पर निस्वां इण्टर कालेज में प्रबन्धक तारिक ख्वाजा ने समस्त स्टाफ को भेंट किया उपहार
आजमगढ़। शिक्षक दिवस के अवसर पर विद्यालय निस्वां इण्टर कालेज पहाड़पुर आज़मगढ़ में विद्यालय की छात्राओं द्वारा शिक्षक दिवस को पूरे हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। छत्राओं ने इस अवसर विद्यालय में रंगारंग कार्यक्रम, भाषण प्रतियोगिता व अन्य कार्यक्रमों से विद्यालय में उपस्थित सभी शिक्षकों, अभिभावकों, अतिथियों का मन मोह लिया। इस अवसर विद्यालय प्रबन्धक तारिक ख्वाजा के द्वारा समस्त विद्यालय स्टाफ को उपहार भेंट किया गया और प्रबन्धक तारिक ख्वाजा द्वारा सभी शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की गयी, विद्यालय प्रधानाचार्या श्रीमती निशात अफज़ा ने बताया कि ज्ञान ही इंसान को जीने योग्य जीवन की सीख देता है। जिस प्रकार एक शिल्पकार पत्थर को आकार देता है और कच्ची मिट्टी को तपाकर उसके विकारों को दूर करता है। ठीक उसी प्रकार एक शिक्षक ही छात्रों के अवगुणों को दूर कर काबिल बनाता है।

 शिक्षक ज्ञान का वह अविरल स्रोत है, जो लाखों छात्रों के भाग्य का निर्माण करता है। वह ज्ञान का एक ऐसा भंडार है, जो दूसरों को बनाने में स्वयं मिट जाता है। कहा जाता है कि, एक बच्चे के जन्म के बाद उसकी मां पहली गुरू होती है, जो अक्षरों का बोध कराती हैं। वहीं दूसरे स्थान पर शिक्षक होते हैं, जो हमें काबिल बनाते हैं और सांसारिक बोध कराते हैं । 5 सितम्बर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। एक बार राधा कृष्णन के कुछ शिष्यों ने मिलकर उनका जन्मदिन मनाने का सोचा। इसे लेकर जब वे उनसे अनुमति लेने पहुंचे तो राधाकृष्णन ने कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से मनाने की बजाय अगर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो मुझे गर्व होगा। इसके बाद से ही 5 सितम्बर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। पहली बार शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था । प्रधानाचार्या के इस भाषण से विद्यालय में उपस्थित सभी छात्रायें भाव विभोर हो गयीं । उपस्थित सभी आगन्तुकों ने कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा किया ।

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