आजमगढ़: जानिए सदर सीट पर कौन और कब-कब रहा विधायक

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1996 से 2017 लगातार पांच बार विधायक बने दुर्गा प्रसाद यादव
आजमगढ़। आजमगढ़ जिले की आजमगढ़ सदर सीट पर आजादी के बाद अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं। इस सीट पर पांच चुनावों में छह महिलाओं ने ताल ठोंकी लेकिन अब तक कोई महिला विधायक नहीं बन सकी। सपा के दुर्गा प्रसाद यादव ने इस सीट से आठ बार चुनाव जीतकर एक रिकॉर्ड कायम किया है। इस सीट पर आजादी के बाद 1952 में हुए पहले चुनाव में आईएनसी के शिवराम राय ने जीत हासिल की थी। इस चुनाव में एक भी महिला प्रत्याशी नहीं थी। 1957 में हुए दूसरे चुनाव में बाजी पीएसपी के विश्राम राय के हाथ लगी। 1962 के तीसरे चुनाव में पीएसपी से भीमा प्रसाद मैदान में उतरे और जीत हासिल की।

इस चुनाव में सदर सीट पर लक्ष्मी पहली महिला प्रत्याशी बनी, लेकिन वह 3.06 प्रतिशत वोट ही हासिल कर सकी। फिर 1967 और 1969 के चौथे और पांच चुनाव में एसएसपी के टिकट पर भीमा प्रसाद ने फिर बाजी मारी। 1969 में उनके सामने एक महिला उम्मीदवार रामो देवी बीकेडी के टिकट पर मैदान पर उतरी लेकिन सफलता नहीं मिली। 1974 के छठवें चुनाव में बीकेडी के टिकट पर विश्राम राय ने जीत हासिल की। 1977 में आईएनसी के टिकट पर एक बार फिर भीमा प्रसाद ने इस सीट पर कब्जा जमाया। 1980 के चुनाव में आईएनसी के टिकट पर रामकुंवर सिंह ने जीत हासिल की। इसके बाद दुर्गा प्रसाद यादव 1985 में आईएनडी के टिकट पर मैदान में उतरे और उन्होंने जीत का जो सिलसिला शुरू किया वह 1993 में रूका जब बसपा के राजबली यादव ने उन्हें मात दी। इसके बाद 1993, 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 के चुनाव में दुर्गा प्रसाद यादव ने लगातार जीत का सेहरा अपने सिर पर बांधा।
सदर सीट पर आजादी के बाद से अब तक चुने गये विधायक
वर्ष विधायक पार्टी
1952-शिवराम राय-कांग्रेस
1957-विश्राम राय-पीएसपी
1967, 69-भीमा प्रसाद-पीएसपी
1974-विश्राम राय-बीकेडी
1977-भीमा प्रसाद-कांग्रेस
1980-रामकुंवर सिंह-कांग्रेस
1985-दुर्गा प्रसाद यादव-आईएनडी
1989, 91-दुर्गा प्रसाद यादव-जनता दल
1993-राजबली यादव-बसपा
1996 से 2017 तक दुर्गा प्रसाद यादव सपा
(पांच बार)
आजमगढ़ सदर सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या तीन लाख 94 हजार 169 है। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 206891 और महिला मतदाताओं की संख्या 187278 है। इस विधानसभा सीट का अधिकांश क्षेत्र शहर से सटा हुआ है। जिसके कारण यहां के ज्यादातर लोग कारोबार से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा खेती भी लोगों की आजीविका का मुख्य साधन है। खेती में लोगों द्वारा मुख्य रूप से धान, गेहूं, गन्ना के अलावा सब्जी आदि की खेती की जाती है। पहले तहबरपुर क्षेत्र आजमगढ़ सदर क्षेत्र में ही आता था बाद में हुए परिसीमन में इसे निजामाबाद में शामिल कर दिया गया और रानी की सराय विकास खंड को इसमें शामिल कर दिया गया।
अनुमानित जातिगत आंकड़ा-यादव 60000, मौर्य 15000, अनुसूचित जाति 55000, निषाद 12000, पासी 12000, ब्राह्मण 30000, क्षत्रिय 40000, बैश्य 41000, भूमिहार 12000, कायस्थ 15000, मुस्लिम 20000, चौहान 20000 के अलावा अन्य जातियां शामिल हैं।

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