योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई : चकबंदी अधिकारी समेत 12 सस्पेंड

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भूमि आवंटन और धान खरीद धांधली का मामला
लखनऊ। मेरठ के ग्राम बिसौला में भूमि आवंटन में गड़बड़ी और लखीमपुर खीरी में धान खरीद में हुए घोटाले में प्रदेश सरकार ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर भूमि आवंटन मामले में बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी राकेश कुमार, चकबंदी अधिकारी प्रभाकर और चकबंदी लेखपाल संजीव कुमार चौहान को निलंबित कर दिया गया है। तीनों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज होगी। वहीं, धान खरीद घोटाले में लखीमपुर खीरी के जिला प्रबंधक पीसीयू और जिला प्रबंधक पीसीएफ के साथ ही सात खरीद केंद्रों के प्रभारी निलंबित कर दिए गए हैं। खरीद केंद्र प्रभारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश भी दिए गए हैं।
प्रभाकर व संजीव कुमार चौहान के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए चकबंदी आयुक्त को निर्देश दिया गया है। बिसौला गांव में नियमों को ताक पर रखकर पारित चकबंदी अफसरों के आदेशों को तत्काल स्थगित करने का निर्देश मेरठ के डीएम को दिया गया है। राकेश कुमार को आरोप पत्र देकर विभागीय कार्यवाही की संस्तुति करते हुए मंडलायुक्त मेरठ को जांच अधिकारी नामित किया गया है। मेरठ के डीएम ने इस मामले में अनियमितता की जांच दो सदस्यीय समिति से कराई। इसमें बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी मेरठ राकेश कुमार द्वारा वाद संख्या 256 262, 352, 353 व 556 राजेश सौंधी बनाम संगीता गुप्ता आदि को नियम विरुद्ध स्थानांतरित किया गया।
इन्हीं विचाराधीन वादों को पुन: चकबंदी अधिकारी द्वितीय के न्यायालय में स्थानांतरित करने का आदेश पारित किया गया। स्थानांतरण प्रार्थना पत्र पर विचार करने से पहले न तो ग्राम सभा का पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया और न ही पीठासीन अधिकारी की रिपोर्ट प्राप्त की गई। चकबंदी अधिकारी मवाना मेरठ प्रभाकर द्वारा पारित आदेश 19 जुलाई 2008 को खारिज करते हुए विवादित भूमि में आदेश करते हुए गंभीर अनियमितता की गई। विवादित भूमि के अनेक बैनामे हो गए। दूसरी ओर वर्ष 2019-20 में हुए धान खरीद घोटाले में पीसीयू के क्रय केंद्र गोला मंडी, चंदन चौकी, प्रीतमपुरवा, सांडा तथा नैनापुर के साथ ही पीसीएफ के क्रय केंद्र खैरहनी एट ढखेरवा व मुड़ा जवाहर के केंद्र प्रभारियों को निलंबित कर दिया गया है।
इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी। इन क्रय केंद्रों के निरीक्षणीय व पर्यवेक्षणीय दायित्व जिन सहायक विकास अधिकारियों के पास थे, उन सभी को निलंबित करने की संस्तुति की गई है। इन क्रय केंद्रों का पर्यवेक्षणीय दायित्व निभाने वाले जिला सहकारी अधिकारी एवं सहायक आयुक्त व सहायक निबंधक को लखीमपुर से स्थानांतरित कर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया है। सातों क्रय केंद्र को दो साल के लिए गेहूं व धान खरीद करने से रोकते हुए ब्लैक लिस्ट किया गया है।



सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव एमवीएस रामीरेड्डी ने बताया कि इस मामले में भी जो लोग दोषी होंगे, सभी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। पूर्व एमएलसी दिनेश सिंह की शिकायत पर शासन ने इसकी जांच कराई। जांच में यह तथ्य सामने आया है कि इन सातों केंद्रों पर बड़ी संख्या में बिचौलियों व दलालों से धान की खरीद की गई। लखीमपुर खीरी जिले के करीब 400 काश्तकारों के नाम पर फर्जी तरीके से दलालों ने इन केंद्रों पर धान बेचे। जांच में यह भी पता चला कि किसान धान बेचने गए ही नहीं थे। उन्होंने धान नहीं, बल्कि अपने खेतों में गन्ना लगा रखा था।

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