आजमगढ़: कड़ाके की ठंड में निकली गुरु गोविंद सिंह की शोभायात्रा

Youth India Times
By -
0

पंजाब से आए सात फुट तीन इंच के सुक्खा सिंह रहे आकर्षण का केंद्र

रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। नववर्ष के प्रथम दिन रविवार को शहर के मातबरगंज स्थित श्री सुंदर गुरुद्वारा से सिख धर्म गुरु गोविंद सिंह की 354वीं शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गई। कड़ाके की ठंड में निकली इस शोभायात्रा में सभी धर्मों के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

शहर के मातबरगंज स्थित गुरुद्वारा में आयोजित चार दिवसीय गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती के अंतिम दिन रविवार को शहर क्षेत्र में सिक्ख समाज के अनुयायियों द्वारा शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में सबसे आगे घोड़े चल रहे थे। उसके पीछे चल रहे दर्जन भर ई -रिक्शों पर सिक्ख धर्म के सभी धर्मगुरुओं के चित्र लगे हुए थे। उसके पीछे ढोल नगाड़े की धुन पर पंजाब के नवांशहर से आई गतका पार्टी दलेर खां साहब इंटरनेशनल ग्रुप के जवान जगह जगह युद्ध कला का प्रदर्शन करते हुए चल रहे थे। गतका पार्टी में शामिल सात फुट तीन इंच लंबे सरदार सुक्खा सिंह लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए थे।

 उनके साथ सेल्फी लेने के लिए युवाओं में होड़ मची हुई थी। वहीं गतका पार्टी के मुखिया जत्थेदार नानकचंद जी के नेतृत्व में लवी सिंह गड़ासा,जसकरन सिंह, सुखबीर सिंह,वीरेन्दर सिंह आदि अपने अन्य सहयोगियों के साथ युद्ध कला के हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के प्रतिकात्मक स्वरूप शोभायात्रा में चार चांद लगा रहा था। फूलों से सजाए गए रथ के आगे पानी से भरे टैंकर से सड़कों की धुलाई के साथ ही महिलाओं का समूह झाड़ू से सफाई कर रहा था। इस के साथ ही निशान साहिब तथा पंज प्यारों की अगुवाई में फूलों से सजे रथ पर गुरुग्रंथ साहिब विराजमान थे। 

रथ के पीछे जिले के ऐतिहासिक निजामाबाद गुरुद्वारा में रखी सिक्ख धर्मगुरु नानक देव जी एवं गुरु तेग बहादुर जी की पवित्र खड़ाऊं लोगों के दर्शनार्थ रखे गए थे। सबसे पीछे बिहार प्रांत से आए गायक कलाकार जौली छाबड़ा अपनी टीम के साथ भजन की प्रस्तुति करते हुए चल रहे थे। देर शाम तक शोभायात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से भ्रमण करते हुए पुनः मातबरगंज स्थित गुरुद्वारा पर पहुंच कर सम्पन्न हुई। इस दौरान शंकर जी तिराहे पर सिक्ख समाज द्वारा लगाए गए अटूट लंगर में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। पूरे कार्यक्रम में सरदार परमजीत सिंह, सतनाम सिंह, राजेश अरोड़ा, श्याम सुंदर, रणजीत सिंह, शेरू भाटिया आदि की भूमिका सराहनीय रही।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)