लखनऊ विकास प्राधिकरण के बाबुओं का बड़ा खेल

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अपनों के नाम बुक करा 2 हजार से ज्‍यादा फ्लैट कर दिए ब्‍लॉक
लखनऊ। एलडीए के बाबुओं और कुछ अधिकारियों ने परिचितों, रिश्तेदारों के नाम पर 2200 फ्लैट बुक करवाकर रोक लिए। आगे चलकर इसे महंगे दाम पर बेचने के लिए बाबुओं ने इनका आवंटन करवाकर होल्ड करा दिया। वे न इनकी रजिस्ट्री करा रहे हैं, न पूरी रकम जमा करवा रहे।
एलडीए उपाध्यक्ष ने सभी योजनाओं में बने फ्लैटों की कुल, रजिस्ट्री हुए फ्लैटों की संख्या मिलवाई तो इसका खुलासा हुआ। अब सभी होल्ड फ्लैटों का आवंटन निरस्त होगा।
एलडीए ने वर्ष 2009 से 2015 तक फ्लैट की कई योजनाएं लांच की। तब इनकी कीमतें काफी कम थी। गोमतीनगर विस्तार में ही दो बेडरूम के फ्लैट की कीमतें करीब 18 लाख थी। एलडीए के बाबुओं, कुछ अधिकारियों ने इसका फायदा उठाकर काफी फ्लैट बुक करा लिए। बुकिंग रकम जमाकर फ्लैट तो रिजर्व करा लिया लेकिन आज तक रजिस्ट्री नहीं कराई।
एलडीए के नए वीसी इन्द्रमणि त्रिपाठी ने इसकी विस्तृत समीक्षा की तो पता चला कि ऐसे 2200 फ्लैट हैं, जिन्हें बाबुओं ने होल्ड कर रखा है। इनमें कई फ्लैट की पूरी रकम जमा है, लेकिन रजिस्ट्री नहीं कराई जा रही है, तमाम फ्लैट ऐसे हैं, जिनमें सिर्फ पंजीकरण धनराशि जमा है।
एलडीए उपाध्यक्ष को ऐसे कई बाबुओं की जानकारी मिली है, जिन्होंने एक-एक दर्जन से अधिक फ्लैट बुक करवाकर होल्ड कर दिए है, अब वे न पैसा जमा कर रहे, न रजिस्ट्री करवा रहे हैं। नोटिस के बाद इन सभी के आवंटन निरस्त किए जाएंगे: एलडीए उपाध्यक्ष ने रजिस्ट्री न कराने वाले सभी लोगों को तत्काल नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।
नोटिस के बाद इन सभी के आवंटन निरस्त किए जाएंगे। इसके बाद इन्हें जरूरतमंदों को लॉटरी के जरिए आवंटित किया जाएगा। एक माह की नोटिस के बाद आवंटन निरस्त हो जाएगा। अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा को उपाध्यक्ष ने सभी को नोटिस जारी कराने की जिम्मेदारी दी है।
एलडीए के बाबू और अन्य अफसर फ्लैटों की बुकिंग करवाकर इसकी कीमत बढ़वाते हैं। अधिक दाम मिलते ही उसे बेच देते हैं। अच्छा ग्राहक मिलने पर पहले भी बेच देते हैं। जब ग्राहक से सौदा तय हो जाता है तब उससे एग्रीमेंट कर पैसा ले लेते हैं। प्राधिकरण में पूरा पैसा जमा कराने के बाद रजिस्ट्री करवाकर उसे बेच देते हैं।
डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी, उपाध्यक्ष, एलडीए ने बताया कि समीक्षा में पता चला कि बड़े पैमाने पर फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं हुई है। विवरण निकलवाया तो पता चला कि कई की पंजीकरण धनराशि ही जमा है। कुछ में पूरी रकम जमा होने पर भी रजिस्ट्री नहीं करायी जा रही है। गहराई में पड़ताल की गई तो पता चला कि बाबुओं ने तमाम फ्लैट परिचितों के नाम पैसा जमा कराकर आवंटित कराया है। इसके बाद होल्ड करा दिया है। इन सभी को नोटिस जारी कर आवंटन निरस्त करने का निर्देश दिया गया है।

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