यहां पुलिसवालों से भी हो जाती है वसूली

Youth India Times
By -
0

एडीजी जोन के पास पहुंची शिकायत
गोरखपुर। गोरखपुर के विधि विज्ञान प्रयोगशाला के उप निदेशक (डीडी) सुरेश चंद्र पर उनके कनिष्ठ सहायक अजहर हुसैन ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए एडीजी जोन से शिकायत की है। आरोप है कि डीडी प्रयोगशाला के निर्माण में लगे लेबरों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर भी वसूली करते हैं। अपने सहायकों के साथ मिलकर लेबरों व कर्मचारियों से मारपीट तक की जाती है। इस मामले में ठेकेदार ने 26 सितंबर 2021 को कोतवाली थाने में तहरीर भी दी थी। वहीं 7 दिसंबर 2021 को पुलिस अधीक्षक तकनीकी सेवा से भी शिकायत की जा चुकी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अजहर हुसैन ने विभाग का पोल खोलते हुए बताया कि गोरखपुर व वाराणसी जोन से आने वाले डीएनए जांच के मामलों में तकनीकी कमियों की बताकर वसूली की जाती है। कमियां बताकर सादे कागज पर लिखकर दिया जाता और पुलिसकर्मियों को हड़काते हुए केस जमा करने से इंकार कर दिया जाता है। बाद में विवेचक के कहने पर 2 से 3 हजार रुपये की धनउगाही की जाती है और जो कमियां सादे कागज पर लिखकर बताई जाती है उसे फाड़ कर फेंक दिया जाता। पैसा मिलने के बाद केस जमा कर लिया जाता है। यही नहीं अजहर का आरोप है कि जांच के लिए आने वाले केसों में केमिकल न होने का भी हवाला दिया जाता है और थाने पर आकर जांच करने की बात कहत हुए धनउगाही की जाती है।
सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज थाने से 2021 के मुकदमा अपराध संख्या 133 जो लूट का मामला था जांच के लिए आया था। जिसमें लूट के बाद लुटेरों की बाइक छूट गई थी गाड़ी का नंबर मिट गया था। वहां के सीओ अजय कुमार सिंह ने लिखित पत्र के साथ बाइक भेजी थी। ताकि इंजन नंबर व चेचिस नंबर के आधार पर लुटेरों की पहचान हो सके। बाइक को 20 नंवबर 2021 को थाने के सिपाही अमित कुमार राव लाए थे। उप निदेशक सुरेश चंद्र की अनुपस्थिति में केस प्राप्त करने वाले सहायक संजय सिंह ने कागज में कमी के नाम पर पुलिसकर्मी को परेशान किया और केस जमा करने से इंकार कर दिया। कहा कि थाने पर आकर जांच करेंगे। अधिकारियों के कहने पर कहा कि केमिकल नहीं है। बताया गया कि इसी प्रकार हम लोग खोराबार थाने में जाकर परीक्षण कर चुके हैं और विवेचक ने 2000 रुपये केमिकल के लिए दिए थे। जबकि बाद में ये लोग बिल लगाकर केमिकल का पैसा विभाग से प्राप्त कर लेते हैं। केमिकल भी विभाग से निशुल्क आता है और नियम है कि जो गाड़ी या केस प्रयोगशाला आ जाए उसका परीक्षण वहीं किया जाए। कर्मचारियों ने एडीजी से जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में एडीजी जोन अखिल कुमार ने कहा कि शिकायत आई थी। जांच कर कार्रवाई के लिए आईजी तकनीकी सेवा को पत्राचार किया गया है।
सुरेश चंद्र, उप निदेशक, विधि विज्ञान प्रयोगशाला, गोरखपुर ने कहा कि मेरे ऊपर लगाए जा रहे सारे आरोप गलत हैं। मो.अजहर हुसैन के खिलाफ मैंने डॉयरेक्टर को लिखा है। उनके खिलाफ खुद कई केस दर्ज हैं। मेरे प्रार्थनापत्र पर जांच हो रही है। इसी से बौखलाहट में ये लोग पेशबंदी कर रहे हैं। पूरे प्रकरण में दो जांच चल रही है। एक जांच एसपी क्राइम कर रहे हैं। मैंने लिखित बयान भी दे दिया है। मैं हर तरह की जांच के लिए तैयार हूं। जितने भी आरोप है उनमें कई मनगढंत हैं, मेरे खिलाफ यह साजिश है। साजिश में विभाग के कुछ और लोग भी शामिल हैं। मैंने डायरेक्टर से उन लोगों की शिकायत की है। मैंने कहा है या तो उन्हें हटाया जाए या मुझे हटा दिया जाए। ऐसे काम कर पाना संभव नहीं है।


Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)