सियासी दांव: सपा विधायक को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाने की तैयारी में भाजपा

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लखनऊ। सपा छोड़कर भाजपा में आए पूर्व राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल के पुत्र और हरदोई से सपा विधायक नितिन अग्रवाल उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। उनका निर्वाचन 18 अक्तूबर को प्रस्तावित विधानसभा के विशेष सत्र में हो सकता है। यह पहला मौका होगा जब प्रदेश की भाजपा सरकार में विपक्षी दल के विधायक को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया जाएगा।
भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वैश्य मतदाताओं पर मजबूत पकड़ के लिए यह रणनीति बनाई है। सूत्रों का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले नरेश अग्रवाल ने भाजपा की सदस्यता ली थी। तब उन्हें सम्मानजनक जिम्मेदारी देने का आश्वासन दिया गया था। नरेश के आने से पार्टी को हरदोई के साथ आसपास की सीटों पर फायदा भी हुआ। पर, पार्टी अपना वादा पूरा नहीं कर सकी। नरेश को न तो राज्यसभा भेजा और न ही उन्हें किसी महत्वपूर्ण पद पर समायोजित किया। अब विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए एक-एक सीट महत्वपूर्ण है। ऐसे में हरदोई और उसके आसपास के जिलों में नरेश के प्रभाव का उपयोग करने, 2019 के वादे की भरपाई और वैश्य मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा ने उनके विधायक पुत्र नितिन को विधानसभा उपाध्यक्ष निर्वाचित कराने की तैयारी है। विधानसभा में भाजपा के पास दो तिहाई बहुमत होने से नितिन के निर्वाचन में मुश्किल नहीं है। इसको लेकर शासन स्तर पर प्रक्रियात्मक कार्यवाही शुरू हो गई है। 2018 के राज्यसभा चुनाव में नितिन अग्रवाल ने भाजपा के उम्मीदवार के समर्थन में मतदान किया था। लोकसभा में भी उन्होंने भाजपा का समर्थन किया था।
18 अक्तूबर को यूपी विधानसभा के इतिहास में 18वें उपाध्यक्ष का चुनाव कराने की तैयारी है। 31 जुलाई 1937 को अब्दुल हकीम पहले उपाध्यक्ष बने थे। फिर नफीसुल हसन, हरगोविंद पंत, रामनारायण त्रिपाठी, होतीलाल अग्रवाल, श्रीपति मिश्र, वासुदेव, शिवनाथ सिंह कुशवाहा, जगन्नाथ प्रसाद, यादवेंद्र सिंह उर्फ लल्लन जी, हुकुम सिंह, त्रिलोक चंद्र, सुरेन्द्र सिंह चौहान, राम आसरे वर्मा, डॉ. अम्मार रिजवी, डॉ. वकार अहमद शाह और 17वें विधानसभा उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल (30 जुलाई 2004 से 13 मई 2007 तक) रहे। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने गत दिनों सपा विधायक नितिन अग्रवाल के खिलाफ पेश दलबदल याचिका भी खारिज कर दी थी। सूत्रों के अनुसार, यह बदली हुई रणनीति के तहत ही किया गया था। नरेश अग्रवाल प्रदेश में वैश्य समाज के कद्दावर नेता माने जाते हैं। पूर्व वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल को योगी मंत्रिमंडल से हटाकर पार्टी का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया है। ऐसे में नितिन को उपाध्यक्ष बनाने से वैश्य वर्ग में अच्छा संदेश तो जाएगा ही, पार्टी को वैश्य वर्ग में युवा चेहरा भी मिलेगा। विधानसभा का तृतीय सत्र 18 अक्तूबर को आहूत किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सुबह 11 बजे सत्र आयोजित करने का आह्वान पत्र जारी किया है। एजेंडा सुनिश्चित करने के लिए कार्यमंत्रणा समिति की बैठक जल्द बुलाई जाएगी।

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